स्थानीय नीति नही बन पाना दुर्भाग्य
गिरिडीह : वर्तमान प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन व स्थानीय नीति लागू करने की मांग को लेकर शनिवार को आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच ने रैली निकाली और समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
जिले के विभिन्न प्रखंडों से आदिवासी-मूलवासी समेत बड़ी संख्या में पारा शिक्षक झंडा मैदान से सभी पारंपरिक हथियारों के साथ रैली की शक्ल में समाहरणालय पहुंचे। पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नारायण महतो ने कहा कि राज्य बनने के करीब 14 साल बाद भी स्थानीय नीति नहीं बनना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकारों की गलत नीतियों के कारण राज्य बनने से केवल यहां के नेताओं और नौकरशाहों का ही विकास हुआ है। आदिवासी और मूलवासियों को कुछ नहंी मिला। मंच के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार यादव और जिला महासचिव राजकिशोर हेम्ब्रम ने कहा कि वर्तमान शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के तहत बड़े पैमाने पर बाहरी लोगों को नौकरी देने की साजिश रची गयी है। ऐसी नियमावली बनायी गयी है, जिससे आदिवासी और मूलवासी शिक्षक नहीं बन पाएंगे। 90 फीसद सीट खाली रह जाएंगी। सभा को राजेंद्र प्रसाद, मनोज वर्मा, छोटन प्रसाद छात्र, कैलाश वर्मा, विकास पांडेय, मुनचुन अंसारी, रामकिशुन हेम्ब्रम, पप्पू मंडल आदि ने भी संबोधित किया मौके पर रवि शंकर सहाय, मो. जमालुद्दीन अंसारी, इमामुद्दीन अंसारी, साहेबराम मुर्मू, रामजी मांझी, अशोक बास्के, किशुन मुर्मू, सरयू दास, जुगल किशोर, विनोद सोरेन आदि उपस्थित थे।