कालाबाजारी गटक रहे गरीबों का अनाज
संसू, जमुआ (गिरिडीह) : प्रखंड में गरीबों के लिए सरकार द्वारा मुहैया करानेवाले खाद्यान्न को कालाबाजारी करनेवाले गटक जा रहे हैं। बिहार की सीमा नजदीक होने के कारण जमुआ एवं देवरी कालाबाजारी का सेफ जोन बन गया है। दो दिन पूर्व एफसीआइ का चावल लादकर बिहार के चकाई की तरफ ले जा रही एक पिकअप वैन को जमुआ में पकड़े जाने के बाद से कई सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं था कि जब जनवितरण का चावल लदे किसी वाहन को पुलिस ने पकड़ा। डेढ़ माह पूर्व भी नवडीहा क्षेत्र में पुलिस ने सरकारी खाद्यान्न से लदे एक ट्रक को पकड़ा था। हालांकि कालाबाजारी के इस गोरखधंधे में शामिल लोगों की पहुंच इतनी तगड़ी है कि रात में ही ट्रक को थाना से छुड़ा लिया गया था। बाद में इस मामले ने तूल पकड़ा था और एक पखवारा के बाद थानेदार को निलंबित कर दिया गया था।
और तो और छह माह पूर्व जमुआ के ही घरेचांची में और तीन माह पूर्व दोनवाघाटी में जन विरतण का चावल लदे एक पिकअप वाहन को जब्त कर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
इधर, सूत्रों की मानें तो कहा जा रहा है कि छह जुलाई की रात में जहां जमुआ पुलिस ने सरकारी चावल से लदे एक पिकअप वाहन को जब्त कर प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं उसी रात जमुआ एवं देवरी के बॉर्डर क्षेत्र नेकपूरा के पास चावल लदे दो अन्य वाहनों को पकड़ कर छोड़ दिया गया है। हालांकि इस संबंध में पूछने पर ऐसी किसी बात की जानकारी से जमुआ एवं देवरी पुलिस अनभिज्ञता जाहिर कर रही है। इस मामले में हकीकत क्या है, यह तो जांच का विषय है, लेकिन इतना तो तय माना जा रहा है कि गरीबों के हिस्से का निवाला जमुआ एवं देवरी क्षेत्र में कालाबाजारी को अंजाम देनेवाले लोग गटक रहे हैं। बार-बार कालाबाजारी के लिए ले जाया जा रहा जन वितरण के चावल को पकड़े जाने से विभाग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि विभाग अगर अपने डीलरों पर अंकुश लगावे और उनसे प्रतिमाह राशन का वितरण लाभुकों के बीच करा दें तो कालाबाजारियों को खाद्यान्न मिल नहीं नहीं पाएगा।
बहरहाल, जो भी हो जनवितरण प्रणाली की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो गरीबों के हिस्से के निवाले से धंधेबाजों के चेहरों की रौनक बढ़ती रहेगी।