बंजर भूमि में हरियाली लाने की पहल
जासं, गिरिडीह : जिले में वर्षो से परती पड़ी जमीन पर पुन: हरियाली लाने की दिशा में विभाग ने पहल शुरू की है। इसके लिए परती भूमि विकास योजना के तहत किसानों को ऐसी जमीन पर खेती करने के लिए विभाग प्रोत्साहित कर रहा है। इस वर्ष 600 हेक्टेयर बंजर व परती जमीन में खेती कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जानकारी के अनुसार तीन साल या इससे अधिक समय से परती पड़ी जमीन को कृषि भूमि में रूपांतरित करना है। गत तीन साल से यह योजना यहां चलायी जा रही है। इस वर्ष 600 हेक्टेयर परती भूमि पर खेती कराने का लक्ष्य विभाग की ओर से निर्धारित किया गया है। ऐसी जमीन में अरहर, मूंग, उड़द आदि दलहन की फसलें लगाने के लिए किसानों को विभाग की ओर से प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान
बताते हैं कि परती भूमि में खेती किए जाने पर सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान किया गया है। इसके लिए प्रति हेक्टेयर चार हजार रुपये का भुगतान किसानों को किया जाता है।
क्या है प्रक्रिया : बताते हैं कि परती भूमि पर खेती कर प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए किसानों को निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करना होगा। जानकारी के अनुसार सबसे पहले किसानों को परती भूमि की तस्वीर तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि, बीएओ, वीएलडब्ल्यू आदि की अनुशंसा के साथ विभाग में आवेदन देना पड़ता है। इसके बाद विभाग से खेती करने की स्वीकृति प्रदान की जाती है। फिर संबंधित भूमि पर लगायी गयी फसल की तस्वीर के साथ मेड़बंदी, जुताई, खाद बीज आदि का वाउचर भी विभाग को जमा करना होगा। इसके जांचोपरांत किसानों के खाते में प्रोत्साहन राशि भेजी जाती है।
- परती भूमि विकास योजना के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। इसके तहत किसानों को ऐसी भूमि पर खेती करने के लिए विभाग प्रोत्साहित कर रहा है। किसान भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। -विजय कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी।