मांग 30 की, आपूर्ति महज 12 एमवीए
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : झारखंड में पहले चरण का मतदान गुरुवार को होना है लेकिन यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की स्थिति काफी लचर है। रोजाना चार से पांच घंटे भी ग्रामीण उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पा रही है।
जिले के जमुआ, देवरी, तिसरी, बिरनी, गावां और धनवार प्रखंड उत्तरी डिवीजन के अधीन है वहीं टाउन व मुफस्सिल के अलावा पीरटांड़, गांडेय, बेंगाबाद, डुमरी, बगोदर और सरिया दक्षिणी डिवीजन के मातहत है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना के तहत विद्युतीकृत गांव में निर्बाध बिजली देने के लिए विभागीय स्तर से दोनों डिवीजनों की ओर से अलग-अलग डिमांड दिए गए हैं। उत्तरी डिवीजन की ओर से जिले के छह प्रखंडों के लिए 30 एमवीए बिजली की मांग की गयी है। इसके विरुद्ध बेंगाबाद फीडर से 6 एमवीए और कोडरमा के रास्ते डोमचांच फीडर से 6 एमवीए बिजली मिल रही है। मांग की एक तिहाई बिजली मिलने से यहां विभाग बिजली की राशनिंग कर उपभोक्ताओं में इसकी आपूर्ति कर रहा है। जाहिर है ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए बिजली दूर की चीज हो गयी है। अहले सुबह से देर रात तक गांवों में बिजली का दर्शन लोगों को बिरले हो पाता है।
बेंगाबाद और डोमचांच फीडर में तकनीकी खराबी के कारण भी बिजली वितरण में परेशानी हो रही है। सूत्रों ने बताया कि बीते एक माह से जमुआ सब स्टेशन में 3 एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है। इसे दुरुस्त करने के लिए विभाग को वैकल्पिक साधन नहीं मिल पा रहा है।
वर्जन
कोडरमा से डोमचांज तक सिंगल सप्लाई लाइन को डबल किया जा रहा है। बोर्ड स्तर से इस काम को तीव्र गति से पूरा कराया जा रहा है। विभागीय एजेंसी ने अगले दो माह से डबल लाइन के चालू होने का भरोसा दिया है। इससे धनवार, तिसरी और गावां में बिजली समस्या का स्थायी समाधान संभव होगा। वहीं जमुआ तक डीवीसी की एक्सप्रेस लाइन के लिए आधारभूत संरचनाएं पूर्ण कराये जा रहे हैं। आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर बिजली आपूर्ति होगी।
-इफ्तिखार आलम, कार्यपालक अभियंता, उत्तरी डिवीजन, गिरिडीह।