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उग्रवादी समर्पण करें या क्षेत्र छोड़े

By Edited By: Published: Wed, 05 Mar 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 05 Mar 2014 01:00 AM (IST)
उग्रवादी समर्पण करें या क्षेत्र छोड़े

प्रमोद चौधरी, गिरिडीह

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बोकारो के आइजी लक्ष्मण प्रसाद सिंह व हजारीबाग के डीआइजी परमेश्वर रविदास ने यहां मंगलवार को स्थानीय परिसदन में बंद कमरे में बोकारो के एसपी हेमंत टोप्पो व गिरिडीह एसपी क्रांति कुमार से मंत्रणा कर स्पष्ट निर्देश दिया कि लोकसभा चुनाव समीप है, कांबिंग व एलआरपी के माध्यम से नक्सलियों पर इस कदर दबाव बनाएं कि वे यहां आत्मसमर्पण करने को विवश हो जाएं या फिर इलाका छोड़ने को मजबूर हों। हर हाल में चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराना पुलिस की प्राथमिकता है। जिलों के एसपी को यह भी नसीहत दी गयी कि थाना, थानेदार, इंस्पेक्टर, एसपी या अन्य वरीय अधिकारी हो, उनका फोन उठाने वाले कर्मी वार्ता में जनता से अदब से पेश आएं। हर जन शिकायत पर तत्काल कार्रवाई हो, इसी से पब्लिक व पुलिस के संबंध बेहतर होंगे और परिणाम उग्रवाद व अपराध के नियंत्रण के रूप में सामने आएगा।

सनद रहे कि यहां आइजी व डीआइजी सीएम के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर पहुंचे थे। सीएम को देर शाम यहां आना था पर रात तक नहीं आ पाए। इसके पूर्व दोपहर में विभागीय बैठक आइजी कर रहे थे। बैठक के बाद दूरभाष पर आइजी लक्ष्मण सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि लोक सभा चुनाव शातिपूर्ण ढंग से कराना पुलिस के लिए प्राथमिकता है। इसके लिए उग्रवाद में अंकुश समेत अपराध नियंत्रण जरूरी है। यही तभी संभव हो सकता है जब पुलिस को जनता, जनप्रतिनिधि व मीडिया का सहयोग हर स्तर पर मिले। पुलिस को इन तीनों तंत्र का सहयोग मिल जाए तो उग्रवाद का खत्मा शीघ्र संभव है। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस सीआरपीएफ के सहयोग से पूरे क्षेत्र में अभियान चलाकर इस कदर उग्रवादियों पर दबाव बनाए हुई है उन्हें आत्मसमर्पण करना होगा या फिर क्षेत्र छोड़ना होगा। पुलिस उग्रवादियों के मुकाबला के लिए हर समय तत्पर रहती है। पुलिस को सबसे पहले जन विश्वास जीतना है। जनता भी समझें की पुलिस उनके लिए और उन्हीं के बीच के किसी परिवार का है।

आइजी ने सभी एसपी को अपराध रोकने को इलाके के अपराधियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। उन्होंने एसपी को यह भी सुझाव दिया कि वे अपने अधीनस्थों से कहें कि उनका या अन्य नीचे के अधिकारी या कार्यालय का फोन जो भी उठाए, पहले प्रणाम कह कर जवाब दे। पब्लिक से अपनत्व से पेश आएं। फोन से मिलने वाली हर शिकायत पर तत्काल संबंधित स्तर से कार्रवाई कराएं। तभी पब्लिक का विश्वास पुलिस के प्रति बढ़ेगा।


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