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20 सालों में नहीं हुई सड़क की मरम्मत

डंडई : डंडई प्रखंड मुख्यालय से लवाही-पचौर-रारो जानेवाली मुख्य सड़क के बने लगभग 20 वर्ष हो गए हैं, लेक

By Edited By: Published: Sat, 18 Feb 2017 10:49 PM (IST)Updated: Sat, 18 Feb 2017 10:49 PM (IST)
20 सालों में नहीं हुई सड़क की मरम्मत
20 सालों में नहीं हुई सड़क की मरम्मत

डंडई : डंडई प्रखंड मुख्यालय से लवाही-पचौर-रारो जानेवाली मुख्य सड़क के बने लगभग 20 वर्ष हो गए हैं, लेकिन जीर्णोद्धार के नाम पर आज तक भाषणबाजी ही हुई। जनप्रतिनिधि लोगों को आश्वासन की घुट्टी पिलाते रहे। यह सड़क प्रखंड के नौडीहा, बालेखांड़, फुलवार, झेलंगी, लावादोनी सहित दर्जनों गांव को जोड़ती है। साथ ही प्रखंड मुख्यालय से चिनिया और धुरकी प्रखंड को जोड़ती है।

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सड़क मरम्मत के अभाव में अत्यंत ही जर्जर हो चुकी है। सड़क बनने के बाद एक बार भी मरम्मत कार्य नहीं हो सका।

ग्रामीण सड़क बनाने की मांग को लेकर कई बार लिखित आवेदन भी जनप्रतिनिधि को दिया गया था। प्रखंड मुख्यालय से लगभग पांच से 12 किमी की दूरी तय करने में लोगों को दो घंटे से भी अधिक समय लग जाता है। सड़क के जर्जर होने के कारण कई बार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बीमारी और प्रसव के दौरान गांव से गढ़वा ले जाने के क्रम में मौत को गले लगाना पड़ता है।

क्षेत्र के लगभग 25 हजार से अधिक आबादी इस सड़क के अभाव में प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क बनाने के नाम पर जनप्रतिनिधि आश्वासन देकर चले जाते हैं। आज तक न तो सड़क बना और न ही मरम्मत हो सका। जिससे लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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-सड़क के अत्यंत जर्जर होने के कारण क्षेत्र की महिलाओं को प्रसव के दौरान गढ़वा अस्पताल ले जाने के क्रम में अधिक समय लग जाता है। अगर सड़क का निर्माण हो जाता तो बीमारी एवं प्रसव के दौरान महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सकता है। उनकी जान भी बच सकती है।

मूंगा राम, ग्रामीण ।

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- सड़क का निर्माण नहीं होने से सड़क पर चलने वाले वाहन कई बार दुर्घटना होने से बाल-बाल बचे हैं। साथ ही लोगों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर सड़क का निर्माण हो जाता तो क्षेत्र में शिक्षा के साथ-साथ व्यवसाय भी किया जा सकता था।

सुभाष मेहता, ग्रामीण।

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-सड़क निर्माण नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र के खासकर महिलाओं को प्रसव के दौरान गांव से गढ़वा ले जाने के क्रम में कई बार मौत का मुंह देखना पड़ा है। अगर सड़क का निर्माण हो जाता तो लोगों की जान बचाई जा सकती है। समस्या से जूझना नहीं पड़ता।

लाल मोहम्मद अंसारी, ग्रामीण।


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