कीड़ा लगने से धान की फसल बर्बाद, मुआवजा की मांग
कांडी : प्रखंड के विभिन्न गांव के किसानों को पिछले तीन साल से सुखा की समस्या का सामना करना पड़ रहा है
कांडी : प्रखंड के विभिन्न गांव के किसानों को पिछले तीन साल से सुखा की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इससे क्षेत्र में अकाल जैसी समस्या उत्पन्न हो रही है। पिछली बरसात में बाढ़ के कारण लाखों रुपये की फसल बर्बाद हो गई थी। बची हुई धान फसल पर इन दिनों कीड़ों ने हमला बोल दिया। किसानों में आशा था कि धान फसल होने से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन जब धान फसल तैयार होने चला तो कीड़ा धान के बाली को ही पूरी तरह से चट कर दिया।
पिछले दो तीन हफ्तों से कीड़े मकोड़े खेतों में लगे धान की फसल की बालियां को चट कर रहे हैं।
रेंगने वाले कीड़ों की फौज मेड़ की घास व विभिन्न पौधों व खेतों की दरारों में छिपे रहते हैं। यह कीड़ा भूरा रंग का होता है। अक्सर दिन व रात में लगी धान फसल के बाली को काटकर गिरा देते हैं या उसे खा जाते है।
हेठार व पहाड़ी इलाके के गांव में इसका ज्यादा असर है। किसानों ने बताया कि 60 से 80 प्रतिशत धान फसल में कीड़ा लग जाने से बर्बाद हो गया है। हेठार इलाका के बलियारी, सनपुरा, बरवाडीह, अमडीहा, भीलमा, चंद्रपुरा, सेमौरा, सरकोनी, सड़की, पखनाहा, करमा सहित आदि गांव में धान फसल के कीड़ा लगने से धान फसल बर्बाद हो गई है। किसान शंभूनाथ पांडेय, प्रेमनाथ पांडेय, नरेश विश्वकर्मा, रामाशीष विश्वकर्मा, तौकीर अंसारी, कृष्णा मिस्त्री, भोला मेहता, सत्येंद्र नाथ तिवारी, सुजीत दुबे ने बताया कि इससे किसानों की समस्या बढ़ गई है। इसका सर्वें कराकर प्रशासन किसानों को मुआवजा दे। इधर, बीस सूत्री अध्यक्ष रामलला दुबे ने कहा की कीड़ा लगने से हुई धान की बर्बादी का आकलन कराकर मुआवजा की मांग जिला प्रशासन से करेंगे। इस संबंध में बीडीओ सह सीओ गुलामसमदानी ने कहा कि किसानों को हुए धान फसल के नुकसान की जांच कराकर किसानों को क्षतिपूर्ति मुआवजा दिलाया जाएगा।