दिवाली में धन व वैभव को किया जाता है आमंत्रित
गढ़वा : दीवाली के अवसर पर प्रथम पूज्य भगवान गणेश, धन की देवी लक्ष्मी एवं मां काली की पूजा का प्रचलन
गढ़वा : दीवाली के अवसर पर प्रथम पूज्य भगवान गणेश, धन की देवी लक्ष्मी एवं मां काली की पूजा का प्रचलन है। इन देवी देवताओं के अलावा कुबेर, धनवंतरी की भी पूजा होती है। भगवान गणेश देवों में प्रथम पूज्य हैं इसलिए दीवाली पर उनकी पूजा अनिवार्य होती है। इसके अलावा धन, वैभव, सुख व समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
ये बातें गढ़देवी मंदिर, गढ़वा के पुजारी राजीव पांडेय ने दीवाली के महत्व की जानकारी देते हुए कही। कहा कि चूंकि दीवाली से ही सभी प्रकार के हिसाब किताब, लेखा जोखा की शुरुआत मानी जाती है, इसलिए मां काली को श्याम स्याही का रूप मानते हुए इनकी पूजा की जाती है।
दीवाली मनाने के कारणों में भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन की खुशी को माना जाता है। दीवाली के दिन ही अमावस्या को समुद्र मंथन के बाद मां लक्ष्मी धरती पर अवतरित हुई थी तथा इन्हें भगवान विष्णु को समर्पित किया गया था। माता लक्ष्मी के अवतरण दिवस के रूप में भी दीवाली मनाई जाती है। लोग इस दिन दीया जलाकर भगवान गणेश, माता लक्ष्मी व काली की आराधना करते हैं तथा अपने घर में सुख समृद्धि की कामना करते हैं।