भंडरिया के वनखेता डैम का अस्तित्व संकट में
भंडरिया : 100 एकड़ हेक्टेयर ¨सचित करने वाला भंडरिया का एकलौता वनखेता डैम का अस्तित्व संकट में पड़ गया
भंडरिया : 100 एकड़ हेक्टेयर ¨सचित करने वाला भंडरिया का एकलौता वनखेता डैम का अस्तित्व संकट में पड़ गया है। हर वर्ष पानी के बहाव से नदी के किनारे जंगल की मिट्टी कटकर डैम में समाता जा रहा है। जिसे डैम सिमटता जा रहा है। वहीं डैम का नहर का फाटक भी पांच-छह वर्षो से खराब पड़ा हुआ है। इससे डैम में बरसात का जमा पानी नहर के रास्ते नदी नाले में चला जाता है, जिससे गर्मी के दिनों में डैम में पानी नाम मात्र का रह जाता है।
इसकी चिंता न तो जनप्रतिनिधियों की है और न ही सरकारी महकमे की। डैम निर्माण कार्य ¨सचाई विभाग द्वारा 1984-85 में कराया गया था। उस समय से आज तक बनखेता डैम सरकारी तंत्र की उपेक्षा की दंश झेल रहा है।
2005-06 में डैम का जीर्णोद्धार का कार्य कराया गया था। इसकी सिर्फ खानापूर्ति की गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि डैम का निर्माण कार्य के बाद से किसानों का 100 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि ¨सचित हो जाती थी। साथ ही हैंडपंप व कूप का जलस्तर पर भी बना रहता था, लेकिन डैम में मिट्टी भर जाने के कारण डैम में पानी नाम मात्र के लिए रह गया है। डैम के गहरीकरण किए जाने से किसानों में दुबारा खुशहाली आ जाएगी और किसान खेती कर अपना जीवन यापन आसानी से कर पाएंगे।