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धड़ल्ले से फल-फूल रहा शराब का अवैध कारोबार

गढ़वा : जिले में सरकारी शराब दुकान की आड़ में अवैध शराब बनाने का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर

By Edited By: Published: Wed, 22 Apr 2015 10:34 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2015 10:34 PM (IST)
धड़ल्ले से फल-फूल रहा शराब का अवैध कारोबार

गढ़वा : जिले में सरकारी शराब दुकान की आड़ में अवैध शराब बनाने का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में इस अवैध धंधे में लगे लोग चांदी काट रहे हैं। जिले में बड़े पैमाने पर शराब का अवैध गोरखधंधा होने के बावजूद विभाग के पदाधिकारियों की चुप्पी उसे भी संदेह के घेरे में ले रही है।

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छापामारी के नाम पर खानापूर्ति

जिले में विभिन्न जगहों पर बड़े पैमाने पर अवैध महुआ शराब बनाने का कारोबार किया जाता है तथा शराब बनाकर आस-पास के इलाके में आपूर्ति भी की जाती है। मगर उत्पाद विभाग इसके नाम पर खानापूर्ति करता रहता है। शराब पीने पहुंचे लोगों को पकड़ने तथा फाइन कर छोड़ देने मात्र से इस धंधे पर रोक लगाने में विभाग नाकाम साबित हुआ है।

कहां-कहां बनता है अवैध शराब

जिला मुख्यालय में नवादा बस्ती, छत्तरपुर, मिस्कार मुहल्ला, नगवां, सोनपुरवा, टंडवा, सोनपुरवा लाईन उस पार समेत विभिन्न स्थानों पर अवैध महुआ शराब की चुलाई की जाती है तथा बिक्री किया जाता है। जबकि गढ़वा प्रखंड के लोटो, सोह, मेराल के फंचफेड़ी, चिनियां, धुरकी, रमकंडा, रंका, विशुनपुरा, सगमा आदि में लगभग चार दर्जन अवैध भट्ठियां चल रही है। मगर विभाग द्वारा इस पर कार्रवाई नहीं की जाती।

लोटो में फल फूल रहा है कारोबार

गढ़वा प्रखंड के लोटो में अवैध महुआ शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर फल फूल रहा है। इस गांव के खास बस्ती के लोगों का मुख्य धंधा शराब बनाना ही है तथा शराब बनाकर लोग भदुमा, नवाडीह, ओबरा आदि स्थानों तक आपूर्ति किया जाता है।

जिले में मात्र 52 लाईसेसी शराब दुकानें

जिले में सरकार द्वारा लाईसेंस प्राप्त मात्र 52 दुकानें ही है। जिसमें से 20-20 देशी शराब की तथा 12 कंपोजिट शराब की दुकानें हैं। 19 प्रखंड़ वाले इस जिले में कम संख्या में शराब होने का लाभ अवैध कारोबारियो को मिल रहा है। जिस क्षेत्र में लाईसेंसी दुकान नहीं हैं वहां अवैध कारोबार के फलने फूलने में मदद मिलती है तथा वहां लोग इन अवैध दुकानों से ही शराब खरीद कर पीते हैं।

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अवैध महुआ शराब बनाने वालों के खिलाफ छापामारी अभियान संचालित की जाती है। फोर्स की कमी है बावजूद इसके थाना की मदद से छापेमारी अभियान चलाया जाता है।

एससी श्रीवास्तव, उत्पाद अधीक्षक, गढ़वा।


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