धनतेरस को ले सजे बाजार
गढ़वा : धनतेरस को ले गढ़वा के बाजार सज गए हैं। दुकानदारों ने दुकानों को दुल्हन की तरह सजा रखा है। जब
गढ़वा : धनतेरस को ले गढ़वा के बाजार सज गए हैं। दुकानदारों ने दुकानों को दुल्हन की तरह सजा रखा है। जबकि चौक चौराहों पर भी विशेष बाजार लगाया गया है। दुकानें सज जाने के कारण बाजार की रौनक बढ़ गई है तथा चहल पहल भी देखा जा रहा है।
खासकर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, बर्तन, ज्वेलरी, दो पहिया व तीन पहिया वाहन, इलेक्ट्रोनिक्स आदि सामानों को बेहतर ढंग से सजाया गया है। दुकानें रंग बिरंगी रौशनी से रौशन हो रही हैं। ताकि लोग दुकानों की ओर आकर्षित हो सके। बर्तन की दुकानों पर विभिन्न प्रकार के बर्तन को सजाने में अभी से दुकानदार लग गए हैं। ताकि मंगलवार को धनतेरस के मौके पर ग्राहकों की मांग के अनुरूप उन्हें सामग्री उपलब्ध कराई जा सके। ज्वेलरी, इलेक्ट्रानिक्स एवं दो पहिया व तीन पहिया वाहनों के शो रूम को भी विशेष प्रकार से सजाया गया है। शहर के मेन रोड स्थित कुछ दुकानों में धनतेरस व दीपावली को लेकर विशेष आफर दिए जा रहे हैं। हरेक खरीद पर निश्चित उपहार का ऑफर ग्राहकों को दिया जा रहा है। विभिन्न कंपनियों के उत्पादों पर भी विशेष छूट व उपहार की व्यवस्था की गई है।
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बच्चों ने ली पटाखा नहीं छोड़ने की शपथ
गढ़वा : शहर के नवादा मोड़ के निकट स्थित बीएसकेडी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने सोमवार को इस वर्ष दीवाली के अवसर पर पटाखा नहीं फोड़ने तथा पूरी सादगी के साथ दीपावली मनाने की शपथ ली। साथ ही पटाखा मुक्त दीपावली मनाने के लिए स्कूल के छात्र-छात्राओं ने प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया। मौके पर बच्चों ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए यह अभियान समाज की सोच को बदलने में मील का पत्थर साबित होगा। वहीं स्कूल के निदेशक संजय कुमार सोनी ने कहा कि पर्यावरण दूषित होगा तो हम कई रोगों के शिकार हो जाएंगे। त्यौहार खुशियां लेकर आता है। लेकिन पटाखा के प्रयोग से हम पर्यावरण को दूषित करने के साथ ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं। मौके पर स्कूल के शिक्षक राजीव रंजन, पीपी जायसवाल, रामाकांत प्रसाद, निसबत खान, रीना चंद्रवंशी, गायत्री कुमारी, सरीता कुमारी आदि उपस्थित थीं।
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मिलजुल कर बांटें खुशियां
दीपावली की खुशी लोगों के साथ मिलकर बांटें। इस दीपावली पर सभी लोग प्रदूषणमुक्त दीपावली मनाने का संकल्प लें। ताकि पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सके।
अंजना दास, अंचलाधिकारी, गढ़वा
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पटाखों से करें परहेज
गढ़वा : दीपावली के त्यौहार के कई मायने हैं। इस मौके पर मिट्टी से बने दीपक को जलाने की परंपरा रही है। लेकिन बदले परिवेश में मिट्टी से बने दीपक की महता कम होती जा रही है। दीवाली के अवसर पर किये जाने वाले पटाखेबाजी से न केवल पर्यावरण पर इसका प्रतिकूल असर पड़ता है। बल्कि इससे होने वाले ध्वनि प्रदूषण से भी हमें काफी नुकसान होता है। इससे परहेज करना चाहिए।
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