हल्की बारिश में भी प्रखंड मुख्यालय से गुजरना मुश्किल
चंदवा (लातेहार) : हल्की बारिश में भी चंदवा प्रखंड सह अंचल मुख्यालय में पहुंचना मुश्किल हो जाता है। यूं तो विकास के सारे कायरें का संपादन यहीं से होता है मगर अबतक किसी प्रशासनिक पदाधिकारी की नजर यहा नहीं पड़ी। चिराग तले अंधेरा वाली उक्ति यहा पूरी तरह चरितार्थ होती है। सासद और विधायक कोटा अथवा अन्य किसी फंड से इसकी व्यवस्था कर आसानी से इस पथ को आरसीसी या पीसीसी किया जा सकता था लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया। शायद इस वजह से कि यहा मुख्यालय अधिकारी और सीआरपीएफ बटालियन यहा जमे रहते हैं ऐसे में यहा डंडी मारना संभव नहीं होगा। बेहतर काम करने की स्थिति में मुनाफा की गुंजाइश कम होगी। इसलिए किसी ने भी इसके लिए अब तक शायद सोचा भी नहीं।
लोगों की मानें तो कुछ क्षेत्रों में जहा ऐसे पथों और कायरें की उपयोगिता शून्य है वहा भी निजी स्वार्थ के लिए कई कार्य कर दिए गए लेकिन जहा सबकी जरूरते पूरी होती हैं वहा कायरें का संपादन करने से लोग सिर्फ इसलिए परहेज करते हैं कि सबकी निगाहें वहा जमी रहती है। वहा छह-पाच करने में दिक्कत होती है। प्रखंड सह अंचल मुख्यालय इसका ज्वलंत उदाहरण है। देष की आजादी के बाद बना इस मुख्यालय का तीन वर्ष पूर्व मॉडलिंग किया गया था। बावजूद इसके अब यहा कई सुविधाओं की जरूरत लोग महसूस करते हैं। बरसात के दिनों में पीसीसी पहली जरूरत महसूस की जाती है।
क्या कहते हैं बीडीओ
बीडीओ अर्जुन राम ने इस बावत बताया कि बरसात की यह पहली जरूरत है इससे इंकार नहीं किया जा सकता। जहा तक पूर्व के अधिकारियों की नजर का प्रष्न है मैं उसपर कुछ नहीं कह सकता। जहा तक पीसीसी करण का सवाल है। शीघ्र ही इसे मूर्त रूप प्रदान कर दिया जाएगा।