शिक्षक हित की अनदेखी बर्दाश्त नहीं
गढ़वा : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में शुक्रवार को समाहरणालय के समक्ष धरना दिया गया। मौके पर वित्त विभाग द्वारा मंत्री परिषद की मंजूरी के बावजूद वेतन निर्धारण पर रोक लगाने के निर्णय की आलोचना की गई। धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार दुबे ने कहा कि किसी भी सूरत में शिक्षकों के हित की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि झारखंड में नौकरशाही हावी है। जिस वेतनमान को कैबिनेट द्वारा पारित किया गया। उसे वित्त सचिव ने अपने आदेश से स्थगित कर दिया है। वित्त सचिव के इस आदेश के विरोध में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के सभी सदस्य 19 सितंबर से दो दिनों के सामूहिक अवकाश पर रहते हुए धरना दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि वित्त सचिव अपने आदेश को वापस नहीं लेते हैं तो संघ रांची की धरती पर संघर्ष करने को तैयार है। इन्होंने कहा कि एक तरफ शिक्षकों को उग्रवादियों एवं अपराधियों के बीच पिसते हुए काम करना पड़ता है। दूसरी तरफ शासन तंत्र उसे मिलने वाली सुविधाओं से भी महरूम कर देता है। दुबे ने कहा कि शिक्षक अपने जाग गये हैं और अपनी एकता और संघर्ष के दम पर अपने हक को हासिल करने ही दम लेंगे। वहीं संघ के महासचिव आलोक कुमार ने शिक्षकों को ललकारते हुए आगे बढ़कर संघर्ष करने के लिए तैयार रहने की बात कही। साथ इस आंदोलन के लिए सरकार की अफसरशाही को जिम्मेवार ठहराया। संगठन सचिव दिलीप श्रीवास्तव ने अपने अधिकारों के लिए मर मिटने पर बल दिया। जबकि कोषाध्यक्ष शैलेश तिवारी ने शिक्षकों के हक में की जा रही कटौती को घोर निंदनीय करार दिया। इस मौके पर इकबाल खां, कुंवर सिंह, अशोक साह, कृष्ण कुमार बैठा, धनश्याम शुक्ल, सामदेव देवार, चंद्र किशोर सिंह, नथुनी सिंह, मुकेश कुमार शुक्ला, नीरज दुबे, विनोद गुप्ता, मेरोलीन बाखला, प्रदीप श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। धरना के अंत में मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा गया।