एक माह से बंद है डोलोमाइट निकालने का काम
गढ़वा : जिले की एकमात्र डोलोमाइट माइंस पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। डोलोमाइट खदान का ठेका विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। माइंस से डोलोमाइट निकालने का काम बंद है।
विदित हो कि झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर माइंस का ठेका निविदा दाताओं को प्रदान कर काम आवंटित कर दिया गया है। मगर 9 मार्च से खान मजदूर ठेका प्रथा को खत्म कराने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। इससे माइंस में डोलोमाइट निकालने का काम बंद है। जबकि उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए अन्य संवेदक मेसर्स पीसीसी लिमिटेड, आरएस ग्रेवाल एवं मेसर्स आइएसएस कंपनी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। साथ ही निविदा को अवैध करार देते हुए इसे रद करने की मांग की है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने तथा मजदूरों के आंदोलन से माइंस के बंद होने की आशंका प्रबल हो गई है। दो हजार मजदूर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। मगर अभी तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया है। अब देखना है कि डोलोमाइट माइंस के ठेका संबंधी विवाद पर न्यायालय का क्या फैसला आता है तथा मजदूरों का आंदोलन क्या गुल खिलाता है। हालांकि पलामू प्रमंडल खान मजदूर संघ के अध्यक्ष सत्पाल वर्मा ने मजदूरों से 22 अप्रैल तक धैर्य रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने मजदूरों से काम पर लौटकर प्रबंधन के साथ अपनी लड़ाई जारी करने की अपील की है।