पुत्री के इलाज को नहीं जुटा धन तो कर ली आत्महत्या
शिकारीपाड़ा : शिकारीपाड़ा के मलूटी गांव के 45 वर्षीय तपन लेट ने 23 फरवरी को गांव के निकट एक पेड़ से लटक
शिकारीपाड़ा : शिकारीपाड़ा के मलूटी गांव के 45 वर्षीय तपन लेट ने 23 फरवरी को गांव के निकट एक पेड़ से लटक कर अपनी जीवन लीला इसलिए समाप्त कर ली क्योंकि उसके पास अपनी बेटी के इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं था। जानकारी के अनुसार तपन लेट की बेटी चुमकी लेट को प्रसव पीड़ा प्रारंभ होने के बाद उसके परिजनों ने 14 फरवरी को पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट सदर अस्पताल मे भर्ती कराया थे। वहां उसने एक लड़के को जन्म दिया था। बाद में चुमकी लेट की तबीयत बिगड़ गयी और कुछ दलालों के चंगुल में फंसकर उसके परिजन वर्द्धमान के एक प्राइवेट नर्सिग होम में ले गए। यहां उसके इलाज का खर्च 42 हजार रुपये बताया गया। तपन मलूटी आकर चंदा संग्रह से 15 हजार रुपये लेकर वर्द्धमान गया। पैसा लेने के बाद तपन की बेटी एवं पत्नी अनिमा लेट को शेष पैसे के लिए नर्सिग होम वालों ने बंधक बना लिया। इससे आहत होकर तपन लेट ने मलूटी आकर आत्महत्या कर ली। बाद में मलूटी के कुछ लोग वर्द्धमान गए व हंगामा कर तथा वहां के मीडिया को जानकारी देकर नर्सिग होम वालों से चुमकी लेट एवं अनिमा लेट को मुक्त कराया। इसके बाद तपन लेट के आत्महत्या करने के राज का खुलासा हो सका।
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मलूटी में संचालित स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठा सवाल
मलूटी को राज्य ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के मानचित्र पर विकसित करने के दावों के बीच चुमकी के बंधक बनाए जाने व उसके पिता के मौत की घटना ने मलूटी में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। ग्रामीणों के मुताबिक अगर मलूटी में प्रसव की व्यवस्था कारगर होती तो संभव है कि तपन लेट (दलित) को जान नहीं गंवानी पड़ती। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिकारीपाड़ा के प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी डॉ. पंकज विराजी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य में काफी लंबे अरसे से चिकित्सक का पदस्थापन नहीं किया गया है। एएनएम द्वारा ही प्रसव कराया जाता है। जबकि सुरक्षा के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मलूटी में दो ग्रामीण पुलिस (होम गार्ड) को तैनात किया गया है।
इधर तपन लेट द्वारा आत्महत्या करना तथा उसका संस्कार कर दिये जाने के संबंध में पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी अजय केशरी ने अनभिज्ञता जाहिर की है।