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सत्ता में रहने का मतलब सिर्फ हामी भरना नहीं : सुदेश

आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि सरकार में रहने का मतलब सिर्फ हामी भरना नहीं है, लेकिन गलत होगा तो विरोध तय है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 06:18 AM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 06:25 AM (IST)
सत्ता में रहने का मतलब सिर्फ हामी भरना नहीं : सुदेश

जागरण संवाददाता, दुमका। आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि सरकार में रहने का मतलब सिर्फ हामी भरना नहीं है। एनडीए के संग मजबूत सरकार देने का जनता से वादा किया है, लेकिन गलत होगा तो विरोध तय है। वह मंगलवार को दुमका में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एसपीटी-सीएनटी एक्ट में संशोधन व स्थानीयता नीति पर आजसू का स्पष्ट विरोध है। सरकार के इस फैसले से भाजपा के अंदर भी विरोधाभास है। कई बड़े नेता इस संशोधन के खिलाफ सामने आ रहे हैं। आजसू जनहित के मुद्दों पर सरकार के गलत फैसले का विरोध करेगी। आजसू इस लड़ाई को ऐसे ही छोडऩे वाली नहीं है। जनता के बीच जाकर सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ जनमत तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब सदन में एसपीटी-सीएनटी पर सरकार ने यहां की 80 फीसद आबादी को प्रभावित करने के निर्णय पर एकतरफा फैसला लिया है तो स्पष्ट है कि आजसू इससे असहमत है। महज तीन मिनट में सदन के अंदर इतना बड़ा फैसला लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। आजसू सरकार के इस फैसले के विरोध में है। आजसू के विधायक सदन में भी बेल में आकर विरोध जता रहे थे।
कहा कि जब सदन में वोङ्क्षटग हुई ही नहीं है तो आजसू ने सरकार के पक्ष में वोट कैसे कर दिया। आजसू के मंत्री व विधायक इस मामले में लिखित तौर अपना विरोध जता चुके हैं। राज्यपाल से मिलकर अपनी भावना को ङ्क्षबदुवार रखकर समुचित पहल करने का आग्रह किया है। आवश्यकता पड़ी तो इस मसले पर एनडीए के बड़े नेताओं से भी बात होगी। कहा, सूबे कि अस्मिता को ताक पर रखकर विकास की परिकल्पना नहीं किया जाए। वैसे भी विकास के रास्ते में एक्ट बाधक कहां था। एक्ट में संशोधन की मांग न तो किसी राजनीतिक दल ने की है और न ही किसी संघ-संगठन ने। निसंदेह इस संशोधन के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। इस पूरे मामले में विपक्ष की भूमिका भी सदन में दुखद रही। विपक्ष को चर्चा में शामिल होकर विरोध जताना चाहिए था।

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