विस्थापन व पुनर्वास के मुद्दे पर वामदल हुए गोलबंद
दुमका, संवाद सहयोगी : सीपीएम एवं सीपीआई के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को जोहार सभागार में जमीन एवं विस्थापन के मुद्दे पर प्रमंडलीय कन्वेंशन का आयोजन उपेन्द्र चौरसिया एवं इकबाल की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित किया गया। सीपीआई (एम) के राज्य सचिव गोपीकान्त बक्सी ने की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री बक्सी ने कहा कि झारखंड में अकूत खनिज संपदा है। झारखंड में करीब 37 प्रतिशत कोयला का उत्पादन होता है। इसके अलावा बॉक्साइट, तांबा, लोहा ,सोना प्रचुर मात्रा में है। कई परियोजनाओं एवं कल कारखानों के लिए जमीन अधिग्रहण किया गया है लेकिन इन परियोजनाओं के लिये जिन लोगों की जमीन अधिग्रहण किया गया उसमें अधिकांश लोगों को न तो उचित मुआवजा मिला और न ही नौकरी, पुनर्वास की व्यवस्था हो पाई। उन्होंने बताया कि जमीन अधिग्रहण कानून जो 1894 में बना था उसमें संशोधन की आवश्यकता है। 2011 में बना जमीन अधिग्रहण कानून, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन बिल संसद में लंबित है। उसके बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि स्टैडिंग कमेटी के सिफारिशों को सरकार लागू करे। कन्वेंशन का आधार पत्र सीपीआई एम के राज्य सचिव मंडल सदस्य सुरजीत सिन्हा ने रखा। जिसका समर्थन उपेन्द्र चौरसिया ने करते हुए कहा कि एसपीटी एक्ट का उल्लंघन खुलेआम हो रहा है सरकार को शक्ति के साथ इसे लागू करना चाहिये। कन्वेंशन को झारखंड दिसोम पार्टी के सुप्रिमो सालखन मुर्मू ने संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड का निर्माण आदिवासी एवं मूलवासी का एक सपना था जिसे भाजपा,झामुमो एवं झाविमो तथा आजसू ने पूंजीपतियों के हाथों बेच दिया। जिसको मौका मिला वही राज्य को बेचने का काम किया है। जमीन, भाषा, संस्कृति को बचाने की आवश्कता है। कन्वेंशन को एहतेशाम अहमद, सुभाष सिंह, अखिलेश झा, रूस अंसारी, गोपीन सोरेन, नवल सिंह, प्रवीण शरण, भोला साह, सनातन मुर्मू, विजय कोल, स्तर मल्लिक, स्वराज गोस्वामी, सुभाष पंडित, सुभाष हेम्ब्ररम ने भी संबोधित किया।
कन्वेंशन के उपरांत प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए सीपीआइ के राज्य सचिव पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने बताया कि सीपीआइ, सीपीआइ एम, आरएसपी, फारवर्ड ब्लाक एवं माले के बैनर तलेसंयुक्त रूप से विस्थापन एवं पलायन को लेकर आंदोलन जा रही है। 14 सूत्री मांग को लेकर 16 जून को पूरा झारखंड बंद रहेगा। आंदोलन को धारदार बनाने के लिये राज्य के सभी जिलों में कन्वेंशन कर लोगों आंदोलन का रूपरेखा तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि पांच मई को रांची, 10 को बोकारो एवं 14 को जमशेदपुर में सभी दलों एवं विस्थापन तथा पलायन को लेकर चलाये जा रहे आंदोलनकारियों की बैठक आयोजित की गयी है। उन्होंने कहा कि यूपीए एवं एनडीए दोनों पार्टियां जनता की दुश्मन हैं। सीपीआइ एम के राज्य सचिव मंडल के सदस्य पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह मुंडा ने बताया कि सरकार ने अब तक कोई पुनर्वास कानून नही बनाया है। केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून पुराना एवं विरोधाभाष है। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण कानून में पुनर्वास की गारंटी हो तथा बाजार मूल्य पर मुआवजा मिले। श्री मुंडा ने बताया कि बिना 80 प्रतिशत लोगों की सहमति तथा ग्राम सभा की राय के बिना जमीन अधिग्रहण नही हो।
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