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झारखंड में नजर आ रहा बदलाव,1000 दिन में करिश्माई कामः राजनाथ

राजनाथ सिंह के मुताबिक, झारखंड में बदलाव नजर आ रहा है। इस दौरान उन्होंने रघुवर दास की पीठ भी थपथपाई।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 22 Sep 2017 09:48 AM (IST)Updated: Fri, 22 Sep 2017 04:19 PM (IST)
झारखंड में नजर आ रहा बदलाव,1000 दिन में करिश्माई कामः राजनाथ
झारखंड में नजर आ रहा बदलाव,1000 दिन में करिश्माई कामः राजनाथ

दुमका, जेएनएन। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज दुमका में कहा कि झारखंड में बदलाव नजर आ रहा है।पहले झारखंड को पिछड़ा कहा जाता था, आज हवा बदल गई। आश्चर्य होता है, निवेश करने के लिए विदेशी कंपनियां आ रही है। अटलजी ने झारखंड की ताकत समझी थी।

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इस मौके पर राजनाथ ने रघुवर दास की पीठ थपथपाई। कहा कि 1000 दिन में करिश्माई काम।⁠⁠⁠⁠

इस दौरान राजनाथ ने नक्सली नेताओं को सरेंडर करने को कहा। बोले, आदिवासियों के बच्चों को हथियार थमाना बंद करो।

देखें तस्वीरें: दुमका में राजनाथ सिंह

झारखंड में सत्ता की बागडोर थामे भाजपा मिशन 2019 की तैयारी में जुट गई है। राजनाथ सिंह उपराजधानी दुमका में इसकी बुनियाद रखी। इस दौरान राजनाथ ने राजनीतिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण संताल परगना प्रमंडल में तीन हजार करोड़ से ज्यादा की विकास योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन कर यह संदेश देने की कोशिश की कि आदिवासी बहुल इस प्रमंडल का कायाकल्प भाजपा करेगी।

निगाह संताल परगना प्रमंडल में लोकसभा की तीन सीटों और विधानसभा की अठारह सीटों पर है। संताल की तीन में से दो सीटों दुमका व राजमहल पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा है। वहीं 18 में से आठ सीटें उसके खाते में है। चुनावी गणित के मुताबिक भाजपा के लिए संताल परगना प्रमंडल चुनौतियां से भरा है। लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव में लाख कोशिश के बावजूद भाजपा झारखंड मुक्ति मोर्चे के कब्जे वाली यह सीट हथिया नहीं सकी।

स्वीकार्य आदिवासी चेहरा नहीं

भाजपा के पास संताल परगना में स्वीकार्य आदिवासी चेहरा नहीं है। दूसरे दलों से लाकर नेताओं को स्थापित करने की कोशिश नाकाम हो गई। साइमन मरांडी भाजपा में आए जरूर लेकिन टिक नहीं पाए। वे वापस झारखंड मुक्ति मोर्चा में लौटे और लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल की। हेमलाल मुर्मू को भाजपा ने अवश्य आगे किया है लेकिन उनका जलवा नहीं दिखता।

यही वजह है कि वे लगातार चुनाव हार रहे हैं। बोरियो के विधायक ताला मरांडी को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया लेकिन कानूनी पचड़े में उलझकर वे कुर्सी गंवा बैठे। फिलहाल उनकी सक्रियता एक विधायक से ज्यादा नहीं है। कुल मिलाकर हेमंत सोरेन को दुमका से हराने वाली लुइस मरांडी भाजपा का आदिवासी चेहरा हैं। शानदार जीत की वजह से उन्हें भाजपा ने मंत्री बनाकर इस इलाके में सक्रिय रखा है।

झामुमो की है गहरी पैठ

संताल परगना झामुमो का अभेद्य दुर्ग है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रतिष्ठित दुमका सीट उसके हाथ से खिसक गई लेकिन आठ सीटों पर पार्टी का कब्जा रहा। इसकी सबसे बड़ी वजह झामुमो का जनाधार, बड़ा वोट बैंक और निचले स्तर पर मजबूत पकड़ है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ज्यादातर वक्त यहां गुजारते हैं। ग्रामीण इलाकों में झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन का करिश्मा बरकरार है।

रघुवर का फोकस, 74 दफा आए मुख्यमंत्री

रघुवर दास का फोकस संताल परगना प्रमंडल पर है। उन्होंने यहां कैबिनेट की बैठकें की है। मुख्यमंत्री बनने के बाद वे एक हजार दिन के कार्यकाल में 74 बार दुमका आ चुके हैं। 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास योजनाएं संताल के लिए लाकर उन्होंने यह संकेत दे दिया है कि जनमानस को अपने पाले करने की उनकी कोशिश लगातार जारी रहेगी।

राजनाथ का स्वागत करते मुख्यमंत्री रघुवर दास

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