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अहंकारी को नहीं मिलता सम्मान : दुर्गेशनंदन

रामगढ़ : प्रखंड के महुबना गांव में शुक्रवार को कलशयात्रा के साथ सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण कथ

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 07:54 PM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 07:54 PM (IST)
अहंकारी को नहीं मिलता सम्मान : दुर्गेशनंदन
अहंकारी को नहीं मिलता सम्मान : दुर्गेशनंदन

रामगढ़ : प्रखंड के महुबना गांव में शुक्रवार को कलशयात्रा के साथ सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ किया गया। भागवत के पहले दिन 251 महिला तथा बालिकाओं ने कलशयात्रा निकाल कर पूरे गांव का भ्रमण किया। इसके बाद कलशों को यज्ञ स्थल पर स्थापित किया। पहले दिन श्रीधाम वृंदावन के दुर्गेशनंदन महाराज द्वारा भागवत की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।

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रात्रि में भागवत के पहले दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए दुर्गेश नंदन ने भागवत के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने भक्ति ज्ञान, वैराग्य की कथा सुनाते हुए कहा कि मनुष्य को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। अहंकारी मनुष्य को समाज में मान-सम्मान नहीं मिलता है। मनुष्य का जीवन भगवान की भक्ति के लिए है। बड़े भाग्य से मनुष्य रूप में जन्म होता है। जो मनुष्य भगवान की भक्ति नहीं करता वह पशु के समान होता है। भगवान की भक्ति करने से मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है और वह अपने जीवन में मनुष्य होने का अधिकारी बन जाता है।

भागवत आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि भागवत कथा प्रतिदिन संध्या छह बजे से रात्रि 11 बजे तक सुनाई जाएगी। चार मई तक भागवत कथा सुनाई जाएगी। पांच मई को प्रात: आठ बजे हवन एवं भंडारा के साथ भागवत कथा का समापन होगा। भागवत कथा को सफल बनाने के लिए आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा सराहनीय भूमिका निभाई जा रही है।


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