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50 एकड़ में फैला बीज गुणक प्रक्षेत्र भगवान भरोसे

दुमका : दुमका के रानीश्वर प्रखंड के आसनबनी में तकरीबन 50 एकड़ भू-भाग में फैला बीज गुणक प्रक्षेत्र समु

By Edited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 07:47 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jan 2017 07:47 PM (IST)
50 एकड़ में फैला बीज गुणक प्रक्षेत्र भगवान भरोसे
50 एकड़ में फैला बीज गुणक प्रक्षेत्र भगवान भरोसे

दुमका : दुमका के रानीश्वर प्रखंड के आसनबनी में तकरीबन 50 एकड़ भू-भाग में फैला बीज गुणक प्रक्षेत्र समुचित देखरेख व प्रबंधन के अभाव में दम तोड़ रहा है। जिले के किसानों को प्रामाणिक बीज की सहज उपलब्धता के उद्देश्य से यहां सरकार के स्तर से लाखों रुपये खर्च कर स्थापित किया गया बीज गुणक प्रक्षेत्र वर्तमान में एक केयर टेकर के भरोसे है। जिले की जलवायु एवं मिट्टी के मिजाज के अनुरूप विभिन्न फसलों के प्रभेदों का चयन कर उसका बीज किसानों को मुहैया कराना भी सरकार की योजना में थी। फिलहाल सरकार की इस मंशा पर पानी फिरता दिख रहा है।

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जानकारी के मुताबिक बीज गुणक प्रक्षेत्र में अलग-अलग फसलों का प्रत्यक्षण कर इसके माध्यम से जिले के किसानों को प्रेरित, जागरूक एवं प्रशिक्षित करने की भी योजना थी लेकिन यहां इस प्रकार की कोई गतिविधि नहीं दिख रही है।

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रबी और खरीफ में 1000 ¨क्वटल बीज उत्पादन की है क्षमता

बीज गुणक प्रक्षेत्र को अगर कायदे से इस्तेमाल किया जाए तो यहां रबी के मौसम में तकरीबन 500 ¨क्वटल एवं खरीफ में भी तकरीबन 500 ¨क्वटल प्रामाणिक बीज का उत्पादन किया जाना संभव है। इसके अतिरिक्त दलहन एवं तेलहन फसलों के भी 200 से 300 ¨क्वटल बीज का उत्पादन संभव है। कृषि महकमा के मुताबिक फिलहाल इस महती परियोजना को चलाने के लिए सरकार के स्तर से ही चिलरा बीज ग्राम को वर्ष 2011-12 में ही सौंप दिया गया है जिस पर कृषि महकमा का कोई सीधा नियंत्रण नहीं है। इस वजह से प्रक्षेत्र में कोई सरकारी कर्मी भी मौजूद नहीं है। बीते तीन माह से एक केयर टेकर पवन पोद्दार के भरोसे ही पूरा प्रक्षेत्र है।

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ये है आधारभूत संरचना

सरकार के स्तर से यहां पांच तालाब खुदवाये गये हैं। एक झरना का निर्माण कराया गया है। दो स्टाफ रूम, एक गोदाम, प्रशिक्षण के लिए एक शेड, एक चबूतरा का निर्माण कराया गया है। प्रक्षेत्र के अंदर फलदार पौधे भी लगाए गये थे लेकिन देखभाल के अभाव में तमाम पौधे सूख गये। प्रक्षेत्र के दायरे को पशुओं से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से चारदीवारी का निर्माण कराकर उसके ऊपर कंटीले तार लगाए गए थे जो अब जर्जर हाल में है। तालाब में पानी नहीं रहने के कारण भी समस्या है।

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वर्जन -

मैं तीन माह से इस प्रक्षेत्र की देखरेख कर रहा हूं। इस दौरान यहां न तो किसानों को कोई प्रशिक्षण मिला है न ही प्रशिक्षण देने के लिए यहां कोई स्टाफ है। कहा कि प्रक्षेत्र में टमाटर की खेती की गयी है। धान भी लगाया गया था। कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं।

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वर्जन

सरकार के स्तर से ही वर्ष 11-12 में राज्य सरकार के स्तर से बीज गुणक प्रक्षेत्र को चिलरा बीज ग्राम को बीज उत्पादन के लिए सौंप दिया गया है। जानकारी के मुताबिक वहां तकरीबन साढ़े चार से पांच हेक्टेयर भू-भाग पर बीज उत्पादन कर किसानों को मुहैया कराया जा रहा है। प्रक्षेत्र में पानी की कमी है। कृषि विभाग के पास स्टाफ की कमी एवं प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण ही सरकार के स्तर से यह निर्णय लिया गया है। कृषि विभाग को सिर्फ प्रक्षेत्र में होने वाली गतिविधियों की मॉनीट¨रग करना है। गतिविधियां चलाने की जिम्मेदारी भी बीज ग्राम को ही सौंप दी गयी है।

सुरेंद्र कुमार ¨सह, जिला कृषि पदाधिकारी, दुमका


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