राशि निकासी में पहले जैसे हालात
दुमका : कतार में लगे दो घंटे से ज्यादा हो गया, तब जाकर दो हजार रुपया हाथ में आया। सुबह से शहर के सभ
दुमका : कतार में लगे दो घंटे से ज्यादा हो गया, तब जाकर दो हजार रुपया हाथ में आया। सुबह से शहर के सभी जगहों के एटीएम खंगालने के बाद बड़ी मुश्किल से टीन बाजार चौक से दो हजार रुपया निकला। सोचा था कि अब निकासी के लिए ऐसा संकट नहीं आएगा, लेकिन यहां तो और बुरी स्थिति हो गई है। सारा काम छोड़कर पैसा निकालने के लिए लाइन में लगना होता है।
यह कहना है कि सुबह आठ बजे टीन बाजार चौक स्थित एसबीआइ के एटीएम में लाइन में लगे राजेश साह। राजेश की माने तो पहले पोखरा चौक गया, वहां पैसा नहीं होने के कारण मुख्य शाखा गया लेकिन यहां भी सफलता नहीं लगी। मजबूर होकर यहां आकर लाइन में लगना पड़ा। राजेश जैसे हजारों लोग हैं जो मंगलवार को अपना ही पैसा निकालने के लिए इधर उधर के चक्कर काटते रहे। दरअसल बैंकों का खजाना खाली होने के कारण सार बोझ एटीएम पर आ गया है। बैंक प्रबंधक रात में एटीएम में पैसा डालता है और सुबह होते ही एटीएम खाली हो जाते हैं। लोगों को दूसरी बैंक जैसे एक्सिस, पीएनबी, और निजी बैंक के एटीएम का चक्कर काटना पड़ता है। ऐसा हालात आठ नवंबर को बने थे लेकिन आज वहीं स्थिति फिर से बन आई है।
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बैंकों की हालत और भी खराब
रिजर्व बैंक से पैसा नहीं मिलने के कारण एसबीआइ समेत दूसरी बैंकों की स्थिति पूरी तरह से गड़बड़ा गई है। लोगों को बड़ी अनुरोध के बाद पांच हजार रुपया दिया जा रहा है। आंध्रा बैंक ने पैसा देने से साफ इंकार कर दिया। इसी तरह से दूसरी बैंकों ने हाथ खड़े कर दिए। एसबीआइ से जुड़ी वनांचल ग्रामीण बैंक में सारा काम ही ठप हो गया।
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सिक्कों से काम चला रहा डाक विभाग
प्रधान डाकघर में तो पैसा निकासी पूरी तरह से बंद हो गई है। लोगों को एक हजार रुपया वो भी सिक्कों में दिया जा रहा है। लोग पैसा लेने नहीं चाहते परंतु मजबूरी में लेने को बाध्य है। प्रबंधन का कहना है कि हालात बद से बदतर हो गए है। जमा से ज्यादा निकासी के लिए लोग आते हैं। किसी तरह से काम चल रहा है।
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वर्जन
एक दो दिन के अंदर पैसा आने की उम्मीद है। किसी तरह से काम चलाया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों की बैंकों को यहां से पैसा देकर चलाया जा रहा है। पैसा आने के बाद ही स्थिति सामान्य हो सकती है।
चंद्रशेखर प्रसाद ¨सह, क्षेत्रीय प्रबंधक, एसबीआइ, दुमका