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मयूराक्षी के डूब इलाकों के बहुरेंगे दिन

दुमका : मयूराक्षी व मसानजोर डैम के निचले व डूब इलाकों में बसने वाली एक बड़ी आबादी के दिन फिरनेवाले ह

By Edited By: Published: Sun, 25 Sep 2016 01:02 AM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2016 01:02 AM (IST)
मयूराक्षी के डूब इलाकों के बहुरेंगे दिन

दुमका : मयूराक्षी व मसानजोर डैम के निचले व डूब इलाकों में बसने वाली एक बड़ी आबादी के दिन फिरनेवाले है। अब तक अभिशप्त ¨जदगी बसर करने वाले आसनसोल, मुड़ाबहाल, धधकिया, बांसजोरा, गमरा, गंद्रकपुर चकलता, केंद्रपानी, नयाडीह, जामदली, कुमड़ाबाद, मकरमपुर, कठलिया, चापुड़यिा, सीताकहबर, नोनीहथवारी, सकरीगली एवं आसापास के गांवों तक पहुंचने के लिए पथ निर्माण विभाग से करोड़ों रुपये खर्च कर उच्च मानक व गुणवत्तायुक्त सड़क का जाल बिछाया जा रहा है। गांव के अंदर आरसीसी नालों का निर्माण हो रहा है। इन पथ के बन कर तैयार होते ही इन गांवों में रहनेवाली लाखों की आबादी सीधे दुमका जिला मुख्यालय से जुड़ जाएंगे। इतना ही नहीं दुमका शहरी क्षेत्र का दायरा भी इसकी वजह से फैला हुआ दिखेगा।

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ये सड़कनिर्माणाधीन

----आसनसोल-चकलता पथ - दुमका-एयरपोर्ट पथ के चौथे किलोमीटर से प्रारंभ होकर पत्ताबाड़ी-मसानजोर पथ के तीसरे किलोमीटर तक जाने वाली इस सड़क का निर्माण तकरीबन 2867.80 लाख रुपये की लागत से हो रहा है। कार्य खत्म किये जाने की मियाद मार्च 2017 तय है। इस पथ के बन जाने से आसनसोल, मुड़ाबहाल, धधिकया, बांसजोड़ा, गमरा, गंद्रकपुर, चकलता समेत कई गांवों की कनेक्टिविटी दुमका से हो जाएगी। इस इलाके में आदिवासी व पहाड़िया जनजाति की बाहुल्यता है। इस पथ की प्रस्तावित चौड़ाई सात मीटर है।

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-----मुड़ाबहाल-मकरमपुर पथ - यह पथ आसनसोल-चकलता पथ के पांचवें किलोमीटर से प्रारंभ होकर सितपहाड़ी-सिगड़ीहड़को पथ के 12 वें किलोमीटर से जुड़ती है। यह पथ मुड़ाबहाल, केंदपानी, नयाडीह, जामदली, कुमड़ाबाद, मकरमपुर गांव से होकर गुजरेगी। इस पथ की प्रस्तावित चौड़ाई 5.5 मीटर है तथा इस पथ के निर्माण पर तकरीबन 1276.14 लाख रुपये खर्च हो रहा है। सड़क के पूर्ण होने की अवधि अक्टूबर 2016 है।

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----धधकिया से बास्कीचक पथ - इस पथ के निर्माण पर तकरीबन 981.86 लाख रुपये खर्च हो रहा है। अक्टूबर 2016 में ही यह पथ बनकर तैयार हो जाएगा।

यह पथ धधकिया से बास्कीचक गांव के अंतिम छोर पर स्थित मयूराक्षी नदी तट तक बन रही है।

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जिला प्रशासन टटोल रही विकास के नये आयाम

अब तक विकास की उम्मीद में विस्थापन व गरीबी की टिस में जीवन बसर कर रहे इन इलाकों में बसने वाली आबादी की तरक्की के लिए जिला प्रशासन उच्च गुणवत्ता वाली पथ का जाल बिछने के बाद विकास के नये आयाम को भी टटोल रही है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक भविष्य में इस इलाके में आíथक व आय समृद्धि के संसाधनों को बढ़ाने की सोच है। इस इलाके में पूर्व से हो रहे मत्स्यपालन व कृषि को और विकसित व समृद्ध करने के साथ पर्यटन को भी विकसित करने की गुंजाइश है। खास कर बास्कीचक व मकरमपुर के आसपास कई ऐसे प्राकृतिक व रमणीक क्षेत्र हैं जिसे कायदे से विकसित कर इस इलाके के ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने की पुरजोर संभावना है। इन विकल्पों पर भी प्रशासन की निगाह है। वैसे इन इलाकों में वर्तमान में भी लोग बड़ी संख्या में पिकनिक मनाने पहुंचते हैं।

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वर्जन

दुमका जिला मुख्यालय से 10 से 15 किलोमीटर के दायरे में बसे इन गांव तक सड़कों का जाल बिछने से ग्रामीण विकास की गति में तेजी आएगी। सड़कों का निर्माण तयशुदा मियाद में पूरा होगा। कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

रमेश श्रीवास्तव, सहायक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, दुमका


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