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सामूहिक प्रयास से अंधविश्वास पर अंकुश

बासुकीनाथ : बासुकीनाथ स्थित सूचना सहायता व प्रदर्शनी शिविर में बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार

By Edited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 06:47 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 06:47 PM (IST)
सामूहिक प्रयास से अंधविश्वास पर अंकुश

बासुकीनाथ : बासुकीनाथ स्थित सूचना सहायता व प्रदर्शनी शिविर में बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिला समाज कल्याण विभाग के जरिए डायन प्रथा उन्मूलन पर जागरूकता कार्यशाला हुई। कार्यशाला का उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव एसके दूबे एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी मनीषा तिर्की, सीडीपीओ उषारानी ने दीप प्रज्वलित कर किया।

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संबोधित करते हुए मनीषा तिर्की ने सेविका एवं सहायिका से इस कुप्रथा को समाज से हटाने के लिए सभी वर्गों को जागरूक करने की बात कही। बताया कि सूबे का 10 जिले डायन कुप्रथा की चपेट में है जिसमें दुमका भी शामिल है। मनीषा ने इस सामाजिक बुराई को जड़ से हटाने के लिए समाज के सभी वर्गों से सामने आने की अपील किया। कहा कि अशिक्षा एवं जागरूकता की कमी के के कारण समाज में अंधविश्वास को बढ़ावा मिल रहा है। इससे छुटकारा पाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। शिक्षा एवं जागरूकता से ही इसका खात्मा होगा। उन्होंने कुपोषण जागरूकता शिविर आयोजित करने, मातृ, शिशु व धातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए गर्भवती महिलाओं के सभी प्रकार के जांच कराने और ससमय दवाएं उपलब्ध कराने की बात कही। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव एसके दूबे ने डायन प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए बनाए गए कानून की जानकारी दी। कहा कि डायन प्रथा उन्मूलन अधिनियम 2001 के तहत किसी महिला को डायन कहकर प्रताड़ित करने पर छह माह की जेल और दो हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है । कार्यशाला में इस अवसर पर महिला सुपरवाइजर मुनू पंडा, सुमनलता, टुसूमुनी मुर्मू, अर्चना सिन्हा, बुलुरानी गोरांय, सीमावती कुमारी, पूनम वर्मा आदि थी।


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