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डिजिटल होगा विवि का केंद्रीय पुस्तकालय

दुमका : सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय की केंद्रीय पुस्तकालय से जुड़े छात्र व सदस्यों के लिए अब वह

By Edited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 08:06 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 08:06 PM (IST)
डिजिटल होगा विवि का केंद्रीय पुस्तकालय

दुमका : सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय की केंद्रीय पुस्तकालय से जुड़े छात्र व सदस्यों के लिए अब वह दिन दूर नहीं जब घर बैठे मोबाइल में मनपसंद पुस्तक व शोध पढ़ सकेंगे। केंद्रीय पुस्तकालय के पुस्तकालय उप अध्यक्ष प्रमोद कुमार ¨सह ने बताया कि रांची की एक कंपनी आरटीपीएल आठ लाख से पुस्तकालय को ओटोमेशन व ई-लाइब्रेरी बनाने में लगी हुई है। पुस्तकालय का सदस्य नियमित छात्र 50 रुपया, शिक्षक 135 व कोई भी बाहरी व्यक्ति 1000 रुपया प्रति वर्ष देकर सदस्य बन सकता है। इस तरह का डिजिटल पुस्तकालय झारखंड व बिहार का पहला होगा।

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ओटोमेशन से हो जाने से कोई भी छात्र पुस्तकालय से मुख्य गेट के अंदर आते ही उसी जगह एक कंम्प्यूटर लगा होगा जिससे बिना अंदर घुसे सारी पुस्तकों का जानकारी मिल जाएगी। कौन सी पुस्तक किस कमरा और किस अलमीरा में है सब पता चल जाएगा। कोई भी पुस्तक लेने के बाद इलेक्ट्रोनिक्स टेबल में पुस्तक व अपना स्मार्ट कार्ड जो लाइब्रेरी के द्वारा दिया गया है, उसे रख देने के बाद स्वत: बुक हो जाएगी।

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पुस्तकों की नहीं होगी चोरी

पुस्तकालय में प्रवेश करने से पहले सेंसर युक्त इलेक्ट्रोनिक्स मुख्य गेट कोई पुस्तक बिना बुक कराए बाहर निकलेगा तो सेंसर जोर-जोर से बजने लगेगा। वहां बैठा गार्ड तुरंत उस व्यक्ति को पकड़ लेगा। हर बुक में माइक्रो चिप्स लगा रहेगा।

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घर बैठे पढ़ सकेंगे पुस्तक

ई लाईब्रेरी बनाने कि दिशा में काम चल रहा है। जल्द ही सभी सदस्य घर बैठे कंप्ययूटर व मोबाइल में नेट के माध्यम से कोई भी पुस्तक पढ़ सकेंगे। यहां तक देश के नामी गिरामी पुस्तकालयों के अलावा विदेशों के भी पुस्तक पढ़ने के साथ ¨प्रट भी निकाल सकते है।

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शोध की नकल रुकेगी

यूजीसी के द्वारा शोध गंगा नामक योजना चलाई जा रही है। जिसके अंतर्गत देश के सभी विश्वविद्यालयों के सभी थेसीस को ऑन लाइन किया जाएगा। पीएचडी में शोघ करने वाले अभ्यर्थी अक्सर दूसरे राज्य के किसी विश्वविद्यालय में पहले से शोघ पत्र की नकल नहीं कर सकेंगे। यदि करते है तो तुरंत पता चल जाएगा।

अब पुस्तकालय में सभी पुस्तकों पर आइएसबीएन यानी अंतराष्ट्रीय मानक पुस्तक संख्या दर्ज रहेगी। इस नंबर से पुस्तकों की नकली रूकेगी और विश्व में कहीं से इस पुस्तक को पढ़ा जा सकेगा।

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जगह की कमी

डिजिटल लाइब्रेरी के लिए काफी बड़ी जगह चाहिए। पुस्तकालय में बारह विभाग है, लेकिन यहां जगह की कमी के कारण एक ही कमरा कई विभाग शामिल कर चल रहा है। जिससे काफी परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है। प्रमोद ने बताया कि बहुत जल्द ही विश्वविद्यालय के नये परिसर दिग्घी में भवन बनने के बाद सारी समस्या समाप्त हो जाएगी।


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