हत्या के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग
- मसलिया, देवघर-भागलपुर मार्ग किया जाम, पुलिस पर निकाली भड़ास - सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाज
- मसलिया, देवघर-भागलपुर मार्ग किया जाम, पुलिस पर निकाली भड़ास
- सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
- एसपी को बर्खास्त करने की मांग
जासं, दुमका : भागवत राउत की हत्या की खबर मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए। सुबह चार बजे मसलिया मोड़ पहुंचे और दुमका से भागलपुर, मसलिया और देवघर जाने वाले मार्ग को जाम कर दिया। चार घंटे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक एसपी नहीं आएंगे, शव को पुलिस के सुपुर्द नहीं करेंगे। दोपहर बारह बजे मंत्री डॉ. लुईस मरांडी व एसपी विपुल शुक्ला के पहुंचने के बाद पुलिस शव को कब्जे में ले सकी।
तीनों मार्ग पर वाहनों की कतार लग गई थी। पुलिस के किसी भी पदाधिकारी के नहीं पहुंचने के कारण लोगों का गुस्सा बढ़ता चला गया। सुबह साढ़े आठ बजे नगर थाना के एसआइ अखिलेश्वर शर्मा, ढेना किस्कू व अशोक तिवारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे लेकिन लोगों का आक्रोश देखकर शव के समीप जाने का साहस नहीं कर सके। लोगों ने तीनों पदाधिकारी के सामने अपना गुस्सा निकाला और कई तरह के आरोप लगाए। लोगों का कहना था कि पुलिस की लापरवाही के कारण ही शहर में अपराध तेजी से बढ़ा है। पुलिस को सिर्फ पैसों से मतलब है। कोई भी पैसा देकर कोई गलत काम करा सकता है। साढ़े नौ बजे के करीब डीएसपी पीतांबर ¨सह खैरबार, पुलिस निरीक्षक विष्णु देव चौधरी व मुफस्सिल के एसआइ फागुनी पासवान जाम स्थल पहुंचे। डीएसपी को देखते ही लोगों का गुस्सा भड़क गया। सभी ने पीछे हटने में ही भलाई समझी।
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इस तरह से छूटा जाम
मंत्री ने कहा कि पार्टी कोष से दिवंगत परिवार को दो लाख रुपया दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लिया है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को कड़ी कार्रवाई का निर्देश देते हुए शीघ्र आरोपियों को गिरफ्तार करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि लोगों की मांग के मुताबिक एसपी का मौके पर नहीं आने की वह ¨नदा करती हैं। करीब साढ़े बारह बजे एसपी भी मौके पर आए। उन्होंने कार्यकर्ताओं की मांग सुनने के बाद कहा कि पुलिस रात से ही आरोपियों को पकड़ने में लगी हुई थी। हर संभावित स्थानों पर छापेमारी की गई। इसी क्रम में दो नामजद आरोपी विप्लव शर्मा व ¨चटू हरि को गिरफ्तार किया जा सका। इसके बाद ही लोगों का गुस्सा शांत हुआ।
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वाहन फूंकने को थे आमादा
हादसे से लोग इस कदर नाराज थे कि जाम में फंसे वाहनों को आग लगाकर अपना आक्रोश व्यक्त करना चाहते थे। लोगों ने एसआइ अशोक तिवारी से कहा कि अगर दस मिनट के अंदर पुलिस के वरीय अधिकारी मौके पर नहीं आए तो सभी वाहनों को आग के हवाले कर दिया जाएगा। पुलिस के तत्काल मौके पर पहुंच जाने के कारण लोगों ने आग लगाने का इरादा छोड़ दिया।
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शव के पास धरना पर बैठे
सुबह से ही भाजपा कार्यकर्ता व दिवंगत भागउत राउत के करीबी शव के समीप धरना पर बैठ गए। चौक पर दूसरी ओर जिला परिषद अध्यक्ष जायस बेसरा की अगुवाई में उपाध्यक्ष असीम मंडल, जयप्रकाश मंडल, चंद्रशेखर के अलावा पंचायत प्रतिनिधियों ने धरना देकर विरोध व्यक्त किया। बाद में लिटटीपाड़ा विधायक डॉ अनिल मुर्मू भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस सरकार से कुशल शासन की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
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मंत्री को सौंपा ज्ञापन
दुमका के लोगों ने मंत्री को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा। घटना की सीबीआइ जांच, मसलिया मोड़ को शहीद भागवत राउत चौक का नाम देकर उनकी प्रतिमा स्थापित की जाए। पुलिस द्वारा लगवाए गए सीसीटीवी से फुटेज निकालकर उसके आधार पर कार्रवाई की जाए। मृतक के आश्रित को 50 लाख मुआवजा, दो में से एक पुत्र को सरकारी नौकरी, 24 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर अनिश्चितकालीन चक्का जाम और पहले से मिल रही धमकी को देखते हुए परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।