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पंचायती राज से पूरा होगा स्वराज का सपना

दुमका : महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों को साकार करने के लिए ही पंचायती राज संस्था की स्थापना

By Edited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 01:00 AM (IST)
पंचायती राज से पूरा होगा स्वराज का सपना

दुमका : महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों को साकार करने के लिए ही पंचायती राज संस्था की स्थापना की गई है। वर्ष 1993 में भारतीय संविधान के 73 वें संविधान संशोधन के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायती राज की व्यवस्था की गई है। ये बातें उपायुक्त राहुल सिन्हा ने मंगलवार को दुमका व आसपास के क्षेत्र में ग्रामीणों को ग्राम पंचायत के औचित्य व कार्य दायित्वों के बारे में समझाते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक 500 की आबादी पर वार्ड सदस्य, 5000 की आबादी पर एक मुखिया तथा पंचायत समिति सदस्य व 50,000 की आबादी पर जिला परिषद सदस्य पद का चुनाव सीधे जनता की ओर से किए जाने का प्रावधान है। इसके अनुसार ही राजस्व गाव में एक ग्रामसभा होगी। उस गांव के मतदाता सूची में पंजीकृत समस्त लोग उसके सदस्य होंगे। ग्राम सभा के बैठक की अध्यक्षता मुखिया या उनकी अनुपस्थिति में उपस्थित सदस्यों के बहुत से तय किए गए व्यक्ति होंगे। बैठक तभी मान्य होगी जब उसमें कुल पंजीकृत मतदाताओं का कम से कम 1/10 वां हिस्सा उस बैठक में मौजूद हो। एक तिहाई महिलाएं होंगी। बैठक में वर्ष के हिसाब-किताब पिछले वर्ष का लेखा-जोखा आडिट रिपोर्ट ग्रामीण विकास योजनाओं से संबंधित कार्यक्रम , ग्राम पंचायत का वार्षिक योजना, निगरानी समिति रिपोर्ट आदि पर चर्चा की जाएगी। ग्राम सभा के लिए लाभुकों का चयन, सामुदायिक कल्याण कार्यक्रम को गतिशील बनाना, जन सामान्य की चेतना, एकता एवं सौहार्द में वृद्धि , स्वच्छता, सफाई और शाति व्यवस्था बहाल करना, ग्रामीण सड़क, पुलिस, पुल, बांध और अन्य सार्वजनिक परिसम्पतियों का निर्माण, अनुरक्षण और उसका प्रबंधन आदि करना है।

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कहा कि प्रत्येक 5000 की आबादी पर एक ग्राम पंचायत गठन की व्यवस्था है। जनता द्वारा चुने गए वार्ड सदस्य इसके सदस्य होंगे। मुखिया इसके प्रधान होंगे व वार्ड सदस्यों में से ही एक उपमुखिया होंगे जो मुखिया की अनुपस्थिति में मुखिया के तमाम दायित्व का निर्वहन करेंगे। करेंगे। ग्राम पंचायत समिति, विकास समिति, महिला, शिशु व सामाजिक कल्याण समिति, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पर्यावरण समिति, आधारभूत संरचना समिति आदि। मुखिया एवं उप मुखिया इन समितियों के पदेन सदस्य होंगे जबकि ग्राम पंचायत का सचिव इन समितियों के पदेन सचिव होंगे। ग्राम पंचायत के प्रमुख कार्य कर कर लगाना, विकास कार्यो के लिए खर्च करना, राज्य वित्त आयोग द्वारा सहायता अनुदान प्राप्त करना, पंचायत का बजट बनाना, खर्च का हिसाब-किताब रखना आदि शामिल है। उन्होंने पंचायत समिति, मुखिया तथा जिला परिषद के कार्य एवं दायित्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।


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