पर्यावरण जागरूकता पर कार्यशाला
बासुकीनाथ: जरमुंडी प्रखंड स्थित इग्नू अध्ययन केंद्र परिसर में रविवार को संथाल परगना अंत्योदय आश्रम
बासुकीनाथ: जरमुंडी प्रखंड स्थित इग्नू अध्ययन केंद्र परिसर में रविवार को संथाल परगना अंत्योदय आश्रम के द्वारा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार एवं बिरसा रांची के सहयोग से प्रखंड क्षेत्र के किसानों के बीच पर्यावरण जागरूकता अभियान के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता इग्नू के समन्वयक डॉ. एके मिश्रा ने की। कार्यशाला में मुख्य रूप से पर्यावरण की मौजूद स्थिति इसके संरक्षण और संवर्द्धन पर जोर दिया गया। मिश्रा ने बताया कि मैत्र परिस्थितिकी को पुनसर््थापना जन सहभागिता के द्वारा किया जा सके क्योंकि आज प्राकृतिक संसाधनों के तीनों घटक जल, जंगल एवं जमीन प्रदूषण, तीव्र कटाव और क्षरण के दौर से गुजर रहा है। कृषि क्षेत्र में बढ़ते बाह्य लागत और घटते उत्पादन में सक्रिय व त्वरित हस्तक्षेप अपरिहार्य हो गया है। इसलिए हमें न्यूनतम बाह्य लागत और अधिकतम उत्पादन के साथ ही कृषि की सततता व स्थायित्व के उद्देश्य से वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन बढ़ाना होगा और किसानों को इसके इस्तेमाल के लिए प्रेरित करना होगा।
कार्यशाला में रसायनिक खाद के इस्तेमाल से जनजीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया। इससे मनुष्य को होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए किसानों को अपेक्षाकृत सस्ते पड़ने वाले एवं पर्यावरण के साथ जन जीवन के अनुकूल जैविक खाद के इस्तेमाल से होने वाले लाभ के बारे में बताते हुए इसके निर्माण की प्रक्रिया के बारे में बताया गया। प्रो. उत्तम कुमार दुबे व निशा रानी ने जैविक खाद इस्तेमाल करने इसके इस्तेमाल से होने वाले उत्पादों की गुणवत्ता एवं आर्थिक पक्ष की जानकारी दी। कार्यशाला में दर्जनों प्रतिभागियों ने भाग लिया और खेती में जैविक खाद के इस्तेमाल की प्रतिबद्धता जाहिर किया। इस मौके पर संथाल परगना अंत्योदय आश्रम के सदस्यों के द्वारा इग्नू परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया।
मौके पर प्रो. यूके दुबे, प्रो. एन पंडा, निशा रानी देवी, शिल्पी कुमारी, दिनेश यादव ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। मंच संचालन प्रो. कांग्रेस रजक ने व धन्यवाद ज्ञापन डा. एके मिश्रा ने किया।