बीएड शुल्क में कमी संभव नहीं
दुमका : सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कमर असहन ने बीएड कॉलेजों में नामाकन शुल्क में
दुमका : सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कमर असहन ने बीएड कॉलेजों में नामाकन शुल्क में कमी की सभी संभावना को नकार दिया है। उन्होंने छात्रों से मजबूरी समझते हुए आंदोलन वापस लेने की बात कही। रविवार को आवासीय कार्यालय में कुलपति ने कहा कि दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम के लिए झारखंड में सबसे कम शुल्क यहां लिया जा रहा है। इससे कम शुल्क लेने पर पाठ्यक्रम संचालन में समस्या आ सकती है। उन्होंने एससी व एसटी छात्रों के विरोध पर कहा कि छात्रों को यह समझना होगा कि पाठ्यक्रम सेल्फ फाइनेंस है। इसमें सरकार या किसी अन्य संस्थान द्वारा कोई अनुदान नहीं दिया जाता है। नामाकन शुल्क से ही इस पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है। एनसीटीई के नियमों के तहत बीएड का शुल्क बढ़ाया गया है। छात्रों ने सोमवार को बढ़ोत्तरी के खिलाफ विश्वविद्यालय में तालाबंदी की घोषणा की है। कुलपति ने छात्रों से अपील की कि वे प्रशासन की मजबूरी को समझें और आंदोलन को वापस ले लें। विवि ने पिछले शुक्रवार को एकेडमिक कौंसिल में बीएड के शुल्क में बढ़ोतरी करते हुए प्रति वर्ष 60 हजार रुपया कर दिया था। एसटी व एससी इसके विरोध में हैं। छात्रों का कहना है कि पूर्व की भाति नामाकन के समय आधी राशि ली जाए। कुलपति ने स्पष्ट किया कि पहले कॉलेज प्रबंधन द्वारा एससी व एसटी के छात्रों से नामाकन के समय पूरी राशि नहीं लिया जाना गलत था। अगर इसे सुधार लिया जाता तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। कुलपति ने कहा कि एससी व एसटी के छात्रों को कल्याण विभाग छात्रवृति मद में नामाकन में खर्च की हुई सारी राशि वापस कर दी जाती है। फिर आंदोलन का क्या औचित्य है। पहले सात शिक्षक व तीन शिक्षकेतर कर्मियों द्वारा बीएड का पाठ्यक्रम संचालित होता था लेकिन नये नियम के अनुसार अब 17 शिक्षक व सात शिक्षकेतरकर्मियों को वेतनमान में रखना है। इसके अलावा पुस्तकालय के लिए प्रति वर्ष दो लाख रुपया, चार प्रयोगशाला व और कई अन्य मदों में खर्च है। ऐसे में बढ़ोतरी किए बगैर पाठ्यक्रम का संचालन संभव नहीं है। कुलपति ने कहा कि राची विश्वविद्यालय में 1.90 लाख, विनोवा भावे में 1.70 लाख शुल्क निर्धारित है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को विश्वविद्यालय बैक लोन देने का प्रयास करेगी।
मौके पर बीएड के नोडल पदाधिकारी डॉ.अवध प्रसाद, कुलसचिव डॉ. पीके घोष, डीएसडब्लू डॉ. बीके झा, सहायक परीक्षा नियंत्रक राजकुमार झा, मीडिया प्रभारी अच्युत चेतन, डॉ. अजय सिन्हा, डॉ. सुरेंद्र झा व शमशाद उल्लाह आदि उपस्थित थे।