हड़ताल से बदली शहर की सूरत
दुमका : अभी नगर परिषद के सफाई कर्मियों की हड़ताल के चार दिन ही गुजरे कि शहर की सारी गंदगी सड़क पर नजर
दुमका : अभी नगर परिषद के सफाई कर्मियों की हड़ताल के चार दिन ही गुजरे कि शहर की सारी गंदगी सड़क पर नजर आने लगी है। उठती बदबू के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। इधर कर्मी हैं कि बिना मांग पूरी हुए काम पर लौटने का नाम नहीं ले रहे हैं और नगर परिषद उनकी मांग पर गंभीरता नहीं दिखा रही है। सिर्फ वैकल्पिक के नाम पर लोगों को सब्जबाग दिखाया जा रहा है।
शनिवार को शहर की सूरत कुछ इस तरह की थी कि लोग नाक पर रुमाल रखकर गुजरने को मजबूर थे। चौक-चौराहों पर गंदगी के ढेर के अलावा कुछ नजर ही नहीं आ रहा था। टीन बाजार, कर्पूरी चौक, मस्जिद के पीछे और सिंधिया चौक की स्थिति सबसे बदतर थी। चार दिन पहले तक साफ नजर आने वाली चौकों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ था। शहरी नालियों की स्थिति तो और भी बुरी हो गई। पहले से जाम होने के कारण नालियों का गंदा पानी सड़क पर बहने के साथ लोगों के घर तक पहुंच गया है। फेडरेशन के सचिव विजय कुमार का कहना है कि जब तक परिषद उनकी मांग पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेगी तब तक कोई भी सफाईकर्मी पर काम पर नहीं लौटेगा। शहर में गंदगी के लिए कर्मी नहीं परिषद के आलाधिकारी जिम्मेवार हैं। कई बार फरियाद की गई लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। अब तो आरपार की लड़ाई हो गई है। नगर परिषद यदि उनके धैर्य की परीक्षा ले रही तो ले, कर्मी किसी भी सूरत में मांग पूरी हुए बगैर काम पर आने वाले नहीं हैं।
इधर नगर परिषद अमिता रक्षित का कहना है कि हड़ताल का असर दिखना तो शुरू हो गया है। कर्मी की मांग को आगे पहुंचा दिया गया है। जनहित में सफाईकर्मियों को काम पर लौट आना चाहिए। कहा कि यदि वे नहीं लौटते हैं तो विकल्प तलाशना जरूरी है। इसके लिए प्रयास चालू कर दिया गया है। शीघ्र ही मजदूरों से सफाई कराई जाएगी।