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आइएसएम और आइआइटी के बीच दो कदम का फासला

सांसद पीएन सिंह ने कहा है कि आइएसएम को आइआइटी अधिनियम के दायरे में लाने के लिए विधेयक को लोकसभा ने पारित कर दिया है। मानसून सत्र में राज्यसभा में पास हो जाने की पूरी उम्मीद है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 25 Jul 2016 06:40 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2016 06:45 AM (IST)
आइएसएम और आइआइटी के बीच दो कदम का फासला

जागरण संवाददाता, धनबाद। सांसद पीएन सिंह ने कहा है कि इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आइएसएम) को आइआइटी अधिनियम के दायरे में लाने के लिए विधेयक को लोकसभा ने पारित कर दिया है। मानसून सत्र में ही विधेयक के राज्यसभा में पास हो जाने की पूरी उम्मीद है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में विधेयक के पास होने के बाद राष्ट्रपति की तरफ भारत सरकार का गजट प्रकाशित होगा। इसके बाद आइएसएम आइआइटी बन जाएगा।

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देश में छह नए आइआइटी और आइएसएम को आइआइटी का दर्जा दिये जाने संबंधी विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद धनबाद के सांसद पीएन काफी गदगद हैं।

उन्होंने बताया कि आइएसएम को आइआइटी बनाने का प्रस्ताव 2015 में कैबिनेट में पास हुआ था। इसलिए आइएसएम के छात्र 2014-15 सत्र से ही आइआइटी का प्रमाण पत्र देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, विधेयक में 2015-16 से प्रमाण पत्र देने की बात है। हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि आइएसएम आइआइटी का मूर्त रूप लेने जा रहा है।


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