इलाज के पहले बिरहोर को थमा दी दवा की पर्ची
गिरिडीह जिले के अमबारी स्थित बिरहोर कॉलोनी निवासी चुड़का बिरहोर की 25 वर्षीय पत्नी उन्नी देवी गुरुवार की रात खाना बनाने के दौरान आग से बुरी तरह जल गई।
धनबाद : झारखण्ड की संरक्षित जनजाति बिरहोरो के उत्थान के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। वही, पीएमसीएच मे भर्ती एक बिरहोर महिला मरीज की लगातार अनदेखी हो रही है।
गिरिडीह जिले के अमबारी स्थित बिरहोर कॉलोनी निवासी चुड़का बिरहोर की 25 वर्षीय पत्नी उन्नी देवी गुरुवार की रात खाना बनाने के दौरान आग से बुरी तरह जल गई। लोगो ने उसे रात मे ही पीएमसीएच मे भर्ती कराया। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इलाज के पहले उसके परिजन को दवा की पर्ची थमा दी। तंगहाल और परेशान उन्नी के पति के पास दवा लाने तक का पैसा नही है। पति ने बताया कि अस्पताल मे भर्ती करने के बाद सिर्फ मरहम-पट्टी कर खानापूर्ति कर दी गई। पंद्रह घंटे बीत जाने के बाद भी कोई दवा नही मिली। इससे पत्नी की हालत और बिगड़ रही है। वह दर्द से रात भर तड़पती रही, लेकिन कोई देखने नही आया।
बीपीएल मरीजो को देनी है मुफ्त दवा..
मुख्यमंत्री ने सरकारी अस्पतालो मे भर्ती बीपीएल मरीजो को मुफ्त मे दवा देने की घोषणा की थी, लेकिन वह घोषणा हवा-हवाई साबित हो रही है। अस्पताल आने वाले हर मरीजो को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है। बावजूद इसके प्रबंधन कोई ठोस पहल नही कर रहा है। मरीजो के लिए यह परेशानी का सबब बना हुआ है।
बर्न वार्ड की स्थिति बदतर..
अस्पताल मे बर्न वार्ड की स्थिति बद से बदतर है। वार्ड गंदगी व कचरे से पटा है। वार्ड मे भर्ती मरीजो को बेहतर इलाज नही मिल पाती है। मरीजो को न तो चादर मिल रही और न ही उन्हे मच्छरदानी दी जाती है। इससे मरीजो में संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाता है।