वासेपुर भी चाहता पाकिस्तान से पुलवामा का बदला, शांति मार्च निकाल शहीदों को दी श्रद्धांजलि
तंजीम उलमा ए अहले सुन्नत की ओर से शांतिपूर्वक मौन जुलुस निकालते हुए शहीद वीर सपूतों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। शांति मार्च आरा मोड़ से शुरू होकर सुभाष चौक पर खत्म हुआ।
वासेपुर, जेएनएन। याद है न अनुराग कश्यप की फिल्म-गैंग्स ऑफ वासेपुर। जिस वासेपुर की पृष्ठभूमि पर फिल्म बनी थी वहां के वाशिंदे भी पुलवामा में आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की माैत पर उबल रहे हैं। पूरे देश की तरह वासेपुर भी पाकिस्तान से बदला चाहता है।
कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला के विरोध में रविवार को वासेपुर में शांति मार्च निकाला गया। तंजीम उलमा ए अहले सुन्नत की ओर से शांतिपूर्वक मौन जुलुस निकालते हुए शहीद वीर सपूतों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। शांति मार्च वासेपुर के आरा मोड़ से शुरू होकर नया बाजार सुभाष चौक पर खत्म हुआ। इसमें पूरे शहर के उलेमाओं और मदरसे के बच्चों सहित आम नागरिकों ने भी भाग लिया।
कश्मीर में आतंकी हमले को लेकर वासेपुर वासियों में काफी गुस्सा और उबाल दिखा। सभी ने एक स्वर में इस घटना की निंदा की और उसे कायरतापूर्ण करार दिया। शांति मार्च में शामिल लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की। कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और इस संकट की इस घड़ी में समस्त भारतीयों को अपने सारे मतभेदों को भूला कर एकता के साथ आतंकवाद के खिलाफ लडऩे की जरुरत है, ताकि आतंकवाद का नामोनिशान मिट जाय और अपने देश में अमन, चैन, शांति और खुशहाली का माहौल कायम रहे।
शांति मार्च में पार्षद निसार आलम, हाजी जमीर, आरिफ हाफिज, मोहिउद्दीन अशरफी, मौलाना सरफराज खान, मुफ्ती अलाउद्दीन, मौलाना गुलाम सरवर, मौलाना अब्दुर्रहमान फैजी, मौलाना यूनुस, सहबाज रहबर, हाफिज नौशाद, आसिफ इकबाल, मोहम्मद रेयाज, मौलाना इंतेखाब, मौलाना नूर आलम, मशकूर अहमद, मौलाना अफरोज आलम आदि शामिल हुए।