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कार का नबर लगाकर हो रही थी कोयले की तस्करी

कार

By Edited By: Published: Fri, 17 Feb 2017 10:26 PM (IST)Updated: Fri, 17 Feb 2017 10:26 PM (IST)
कार का नबर लगाकर हो रही थी कोयले की तस्करी
कार का नबर लगाकर हो रही थी कोयले की तस्करी

जागरण संवाददाता, कतरास-सिजुआ:

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बुधवार की रात कोयला तस्करी के दौरान जब्त किए गए दोनो हाइवा के नंबर जांच के दौरान फर्जी निकले। बरोरा थाने की पुलिस के अनुसार नंबर प्लेट पर जिन दो नंबर का इस्तेमाल किया गया है उसमें से एक अपाचे बाइक तो दूसरा इओन कार का है। पकड़े गए हाइवा में से एक पर जेएच-10 एई 1195 व दूसरे पर जेएच 10 एभी 9477 का नंबर प्लेट लगा था। बाइक पिंटू शर्मा व कार का नंबर दिलीप कुमार के नाम से। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अपाचे ¨पटू कुमार शर्मा के नाम से है तो इओन दिलीप कुमार के नाम से है।

इस बीच, राजू शर्मा नामक व्यक्ति ने शुक्रवार को बरोरा थाना में लिखित सूचना देते हुए कहा कि जब्त दोनों हाइवा पर लगे नंबर प्लेट का रजिस्ट्रेशन नंबर उनके निजी वाहनो के है। उन्होने आशंका जताई है कि इन नंबरो का गलत काम में इस्तेमाल कर उन्हे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। बताते है कि, पिंटू शर्मा एक अखबार का संवाददाता है और राजू शर्मा उसका भाई है। इससे पहले भी 13 अप्रैल 2016 को इसी तरह के मामले मे पुलिस ने राजू समेत चार लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उस समय कपुरिया ओपी पुलिस ने तीन हाइवा को पकड़ा था। तीनो हाइवा में लदा कोयला चैतुडीह के होने का दावा किया गया था। चैतुडीह कोलियरी के तत्कालीन पीओ ने 10-15 नकाबपोशों पर पिस्टल का भय दिखाकर कोयला लोड कराने का आरोप लगाते हुए कतरास थाने में लिखित शिकायत दी थी। आश्चर्य की बात है कि, तकरीबन सालभर बाद भी बस पुलिस फाइल मे ही मामले की जांच चल रही है।

दोनो खलासी गए जेल..

मालूम हो कि बुधवार की देर शाम साढ़े सात बजे पुलिस ने पोचरी बस्ती के समीप कोयले से लदा हाइवा को जब्त किया था और हरिणा व कपुरिया के दो खलासी को गिरफ्तार जेल भेजा था। हाइवा पोचरी इलाके के एक ईट भट्ठा में कोयला गिराने जा रहा था। सड़क से गांव के रास्ते मे हाइवा को मुड़ते देख गुप्त सूचना पर पुलिस हरकत में आई और दोनो को अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान चालक व कोल तस्कर के गुर्गे भाग खड़े हुए थे, जबकि दो खलासी पकड़ा गया।

कब्जे मे हाइवा फिर भी मालिक के नाम का अब तक पता नही..

पूरे मामले मे पुलिस का रवैया संदेहास्पद बना हुआ है। हाइवा जब्त होने के तीन दिनो बाद भी पुलिस अबतक हाइवा के मालिक नाम उजागर नही कर पाई है। मालूम हो कि बाघमारा-कतरास कोयलांचल में कोल तस्करों का सशक्त गिरोह सक्रिय है। इसे राजनीतिक संरक्षण भी मिला हुआ है। गिरोह के सरगना की खाकी वर्दीधारियों से भी अच्छी बनती है। यही वजह है कोयले का गोरखधंधा बेरोक-टोक चल रहा है।

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..तो क्या हिल टॉप बीकेबी जेवी का है कोयला

फोटो: 11

संसू, सिजुआ: अवैध कोयला लदे दो जब्त हाइवा के मामले में चैतुडीह कोल डंप का नाम आने के तीसरे दिन कतरास-चैतुडीह प्रबंधन ने अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की है। शुक्रवार को कोलियरी कार्यालय में पीओ सुदीप्तो चटर्जी व प्रबंधक पंकज कुमार ने कहा कि जब्त हाइवा में चैतुडीह का कोयला लोड नही है। दोनो वाहनों का नंबर न तो गार्ड और न ही लो¨डग बाबू के रजिस्टर व कंप्यूटर में इंट्री है। इतना ही नही पकड़े गए हाइवा नंबर जेएच 10 एई 1195 तथा जेएच 10 एवी 9477 की पा¨सग चैतुडीह से कोयला उठाव करने वाली किसी भी परिवहन कंपनी के अधीन नही है। जांच से यह साफ होता है कि दोनो वाहन ने चैतुडीह से कोयला लोड नही किया है।

अधिकारियो ने यह स्पष्ट किया कि चैतुडीह कोलियरी के अधीन हिल टॉप बीकेबी जेवी नामक आउटसोर्सिंग कंपनी को कोयला खनन करने की जिम्मेवारी दी गई है न कि डेको को। सुरक्षा व्यवस्था के सवाल पर कहा कि डंप में सीआइएसएफ की तैनाती के लिए मुख्यालय पत्राचार किया गया है। वहां से निर्देश मिलने के बाद जवानों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।

== सुरक्षा के इंतजाम नही: चैतुडीह में कोयले के रख रखाव व परिवहन कंपनी की गाडि़यों की आवाजाही के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नही किए गए है। कतरास-मलकेरा मुख्य पथ पर बंद पड़े चैतुडीह साइ¨डग से महज दो सौ फीट की दूरी पर आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा उत्पादित कोयले को डंप किया जाता है। जहां से विभिन्न परिवहन कंपनी द्वारा परिवहन किया जाता है। वही पर वजन घर भी स्थित है, लेकिन सीआइएसएफ चेकपोस्ट नही है।


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