झारखंड के बजट पर दिखेगी स्वच्छता की छाप
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए बजट मे स्वच्छ उत्पादन और जैविक कृषि पर जोर रहेगा। संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय के सुझाव पर राज्य के विला सचिव ने ग्रीन बजट तैयार करने की दिशा मे कदम बढ़ाये है।
मृत्युंजय पाठक, धनबाद। झारखंड सरकार के आगामी बजट पर स्वच्छता की छाप दिखेगी। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए बजट मे स्वच्छ उत्पादन और जैविक कृषि पर जोर रहेगा। संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय के सुझाव पर राज्य के विला सचिव ने ग्रीन बजट तैयार करने की दिशा मे कदम बढ़ाये है।
झारखंड की लाइफ लाइन कही जाने वाली दामोदर और स्वर्ण रेखा जैसी नदियो की साफ-सफाई के लिए अभियान चलाने वाले राज्य के संसदीय कार्य, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री सरयू राय ने विलाीय वर्ष 2016-17 का बजट तैयार करने से पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत संबंधित अधिकारियो को पत्र लिखे है। राय चाहते है कि झारखंड का आगामी बजट ग्रीन हो। ग्रीन से मतलब कल-कारखानो मे स्वच्छ उत्पादन, जैविक खेती और साफ-सफाई के लिए बजट मे फंड का विशेष आवंटन से है। ग्रीन बजट पर राज्य के विला सचिव दो बार राय से मिलकर चर्चा कर चुके है। राय ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहा-हम चाहते है कि राज्य का आगामी बजट हरित (ग्रीन) हो। उन्होने कहा कि कल-कारखानो मे स्वच्छ उत्पादन और कृषि मे जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सबसे ज्यादा गंदगी और प्रदूषण औद्योगिक इकाईयां फैलती है। उद्योग मे प्रदूषण मुक्त उत्पादन होना चाहिए। बजट मे सफाई के लिए फंड की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास एवं आर्थिक गतिविधियां अगर प्रदूषित करती है तो उसे प्रदूषण रहित करने पर जो खर्च आता है, उसके लिए सरकार बजट मे फंड का प्रावधान करे। सबसे ज्यादा प्रदूषण शहरो से होता है। जल-मल निकासी से सबसे ज्यादा नदियां गंदी हो रही है। नगर विकास विभाग के बजट मे साफ-सफाई के लिए फंड का आवंटन होना चाहिए। प्रदूषण गतिविधि सरकार की हो या प्राइवेट, चेतावनी के बाद भी सुधार नही होने पर आर्थिक दंड का प्रावधान होना चाहिए। जो मान रहे है उन्हे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। प्रदूषण फैलाने वाले कल-कारखाने और खदानो पर सीएसआर की तरह कॉरपोरेट इनवायरमेट रिस्पांसबिलिटी लागू की जाय। राय ने कहा कि प्रधानमंत्री का स्वच्छता पर विशेष जोर है। हम उम्मीद करते है कि झारखंड के आगामी बजट मे भी साफ-सफाई और स्वच्छता पर जोर होगा।