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- पुलिस ने जमसं का टेंट-झंडा उखाड़ शुरू कराई ट्रांसपोर्टिंग, 61 समर्थकों को पकड़ा

तिसरा : घनुडीह परियोजना को बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से बंद करने की साजिश के विरोध और असंगठित मजदूरों क

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 10:56 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 10:56 PM (IST)
- पुलिस ने जमसं का टेंट-झंडा उखाड़ शुरू कराई ट्रांसपोर्टिंग, 61 समर्थकों को पकड़ा
- पुलिस ने जमसं का टेंट-झंडा उखाड़ शुरू कराई ट्रांसपोर्टिंग, 61 समर्थकों को पकड़ा

तिसरा : घनुडीह परियोजना को बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से बंद करने की साजिश के विरोध और असंगठित मजदूरों को ट्रक लो¨डग के लिए कोयला देने की मांग पर जमसं कुंती गुट के नेतृत्व में चल रहे मजदूरों के आंदोलन में पुलिस का छठे दिन रौद्र रूप दिखा। पुलिस ने सुबह असंगठित मजदूरों को जुलूस नहीं निकालने दिया। शाम को पुलिस बल डीएसपी के नेतृत्व में घनुडीह ओपी पहुंची। पुलिस जवान यहां से इंस्पेक्टर उपेंद्र राय, पीसी यादव और जी भगत के नेतृत्व में घनुडीह लो¨डग प्वाइंट पर धरनास्थल पर गए। यहां जमसं का झंडा उखाड़ दिया। धरना के लिए लगे टेंट को भी खुलवा लिया। विरोध कर रहे जमसं के 61 समर्थकों को पकड़ कर ले गई। इसके बाद ट्रांसपोर्टिंग शुरू हुई। कुजामा कांटाघर का काम भी शुरू हो गया। इधर जमसं के केंद्रीय संगठन सचिव रुद्रप्रताप ¨सह का कहना है कि आंदोलन नहीं रुकेगा। हम फिर ट्रांसपोर्टिंग ठप करेंगे।

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जमसं के बैनर तले मजदूर छह दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। जमसं कार्यकर्ताओं ने चांदमारी, दोबारी, बेरा, घनुडीह, कुजामा आदि जगहों पर आंदोलन कर ट्रांसपोर्टिंग रोक दी थी। मंगलवार को प्रशासन ने ट्रांसपोर्टिंग दिन में शुरू कराई तो शाम को जमसं ने बंद करा दी थी। देर रात प्रशासन ने फिर ट्रांसपोर्टिंग शुरू कराई तो जमसं कार्यकर्ताओं ने उसे फिर बुधवार को सुबह बंद करा दिया। तब डीएसपी ने कई थानों के पुलिस बल के साथ बुधवार की देर शाम कार्रवाई की।

आंदोलनकारियों ने जब विरोध किया तो 61 मजदूरों को गिरफ्तार कर बस से घनुडीह ओपी भेज दिया गया। इससे जमसं नेताओं में आक्रोश है। हालांकि डीएसपी प्रमोद कुमार केसरी का कहना था कि इसे गिरफ्तारी नहीं कहें अभी विधि व्यवस्था को ध्यान में रख सबको थाना लाया गया है। श्रमिक नेता रुद्रप्रताप ¨सह का कहना है कि जमसं ने बाकायदा प्रबंधन को सूचना देकर आंदोलन किया था। पुलिस अलोकतांत्रिक तरीका अपना रही है।

मालूम हो कि सुबह जब जमसं कार्यकर्ता मोटरसाइकिल जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे थे तो पुलिस ने विफल कर दिया। घनुडीह ओपी प्रभारी पीसी यादव ने घनुडीह लो¨डग प्वाइंट पहुंच जुलूस के लिए एसडीओ का आदेश पत्र मांगा। जमसं के लोग पत्र नहीं दिखा सके। तब पुलिस ने जुलूस निकालने पर रोक लगा दी। तब सभी लोग वहां धरना पर बैठ गए। प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। रुद्रप्रताप ¨सह, उपेंद्र ¨सह ने कहा कि प्रबंधन के इशारे पर पुलिस काम कर रही है। झंडा हटाया जाना यूनियन एक्ट के खिलाफ है। कार्यकारी अध्यक्ष जेएन ¨सह धर्मपुरी ने इसकी शिकायत डीसी व एसडीओ से भी की है।

इनको पुलिस ले गई ओपी : यदु राम, उपेंद्र ¨सह, मुकेश यादव, नंदू भुइयां, सिकंदर मंडल, बीडीओ यादव, प्रमोद पासवान, जयराम पासवान, उमेश पासवान, प्रीतम भुइयां, रमेश पासवान, छोटेलाल पासवान, विजय पासवान, अवधेश यादव, विनोद समेत 61 लोगों को पुलिस घनुडीह ओपी ले गई है। आंदोलन में रामू नोनिया, रविकांत पासवान, उमेश ¨सह, नरेश चौहान शामिल थे।

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60 हजार टन कोयले का डिस्पैच प्रभावित

तिसरा : घनुडीह परियोजना में जमसं के आंदोलन से बस्ताकोला प्रबंधन को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। छह दिनों के आंदोलन से 60 हजार टन कोयले का डिस्पैच नहीं हो सका है। एमपीएल, रघुनाथपुर, सीके साइ¨डग में कोयला की ढुलाई ठप है। कुजामा व चांदमारी कांटाघर बंद है। सीके साइ¨डग में दीवाना पावर प्लांट का रैक कई दिनों से खड़ी है।

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यदु राम की बेटी की आज शादी : पुलिस ने आंदोलनकारियों में से एक यदु राम को भी पकड़कर घनुडीह ओपी भेजा। यदु राम की बेटी निर्मला की शेखपुरा बिहार में गुरुवार को शादी है। उनको शेखपुरा अपने गांव जाना था। पर वे आंदोलन के कारण नहीं गए। बाद में वे पुलिस की गिरफ्त में आ गए।

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पुलिस ने की थी पूरी तैयारी : ट्रांसपोर्टिंग शुरू कराने को पुलिस ने पूरी तैयारी की थी। आंसू गैस के गोले छोड़नेवाला उपकरण भी दो जवान लिए हुए थे। कई थानों की पुलिस पहुंची थी। महिला पुलिस बल भी था। पूरे होमवर्क के बाद कार्रवाई की गई।

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कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। विधि-व्यवस्था बनाए रखने को हर कदम उठाएंगे। प्रबंधन व जमसं के लोग वार्ता कर समस्या का समाधान करें।

- पीसी यादव, घनुडीह ओपी प्रभारी


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