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फीस बढ़ी, सुविधाएं नदारद और ठप हो गया कमीशन डीड का काम

धनबाद : धनबाद में कमीशन डीड का काम बंद है। भूमि निबंधन विभाग अब यह काम करने से कतरा रहा है। नतीजतन

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 01:01 AM (IST)
फीस बढ़ी, सुविधाएं नदारद और ठप हो गया कमीशन डीड का काम
फीस बढ़ी, सुविधाएं नदारद और ठप हो गया कमीशन डीड का काम

धनबाद : धनबाद में कमीशन डीड का काम बंद है। भूमि निबंधन विभाग अब यह काम करने से कतरा रहा है। नतीजतन जिले के लाचार और असहाय व्यक्ति जमीन खरीद-बिक्री नहीं कर पा रहे हैं। दूसरी तरफ कमीशन डीड के एवज में ली जानेवाली सरकारी फीस में भी काफी बढ़ोतरी कर दी गई है।

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क्या है कमीशन डीड : कमीशन डीडी जमीन निबंधन कराने की एक प्रक्रिया है। इसके तहत भूमि निबंधन विभाग के पदाधिकारी अथवा कर्मचारी जमीन खरीदने अथवा बेचनेवाले के घर जाकर रजिस्ट्री का काम करते हैं। इसके एवज में रजिस्ट्री शुल्क के अलावा अलग से कमीशन डीड के लिए फीस की वसूली की जाती है।

फीस में बढ़ोत्तरी : कमीशन डीडी के लिए दो तरह की फीस निर्धारित है। यदि इस काम के लिए पदाधिकारी जाते हैं तो जमीन खरीद-बिक्री करने वाले को करीब 15 हजार रुपये का भुगतान करना होगा और कर्मचारियों के जाने पर प्रति कर्मचारी 2500 रुपये। पहले यह फीस 1500 और 600 रुपये के आसपास थी।

आधार में फंसा पेंच : कमीशन डीड के बंद होने का मुख्य कारण जमीन की खरीद बिक्री में आधार को लिंक किया जाना है। जब कोई व्यक्ति जमीन की खरीद बिक्री करता है तो उसका फिंगर प्रिंट ऑनलाइन लिया जाता है। यह सुविधा केवल निबंधन कार्यालय में उपलब्ध है। जबकि पहले सारे कागजात लेकर कर्मचारी अथवा पदाधिकारी जमीन खरीद-बिक्री करने वाले के पास पहुंचते थे और उनका हस्ताक्षर लेकर काम करते थे।

निबंधन विभाग के पास सुविधाओं का अभाव : विभाग की मानें तो आधार लिंक करने का आदेश सरकार ने तो दे दिया है, लेकिन जो उपकरण जैसे स्मार्ट फोन और मोबाइल स्कैनर की व्यवस्था नहीं दी है। यह व्यवस्था केवल जिला निबंधन कार्यालय में ही उपलब्ध है। जिला अवर निबंधक संतोष कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से धीरे-धीरे सारी सुविधाएं बहाल की जा रही हैं। उपकरण प्राप्त होते ही कमीशन डीडी का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा।


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