पांच पावर प्लांट बंद, बीसीसीएल से कोयला आपूर्ति ठप
महारत्न कोल इंडिया की इकाई भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद। महारत्न कोल इंडिया की इकाई भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। करार के बावजूद पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के पांच पावर प्लांटों ने उत्पादित कोयले की आपूर्ति बंद कर दी है। कारण, ये पावर प्लांट ही बंद हो गए हैं। इसका सीधा असर कोल कंपनी की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है।
उत्तरप्रदेश के परिचा, पनकी व हिरद्वारगंज, हरियाणा के पानीपत व पंजाब के रोपड़ थर्मल पावर प्लांटों ने आंशिक उठाव के बाद आपूर्ति पूरी तरह बंद कर दी है। हरियाणा तो लंबे समय से कोयला नहीं ले रहा है। ये पांचों प्लांट कुल मिलाकर 62 लाख टन कोयला का उठाव करते थे। जीएम सेल्स एस सिंधे के अनुसार उत्तर प्रदेश की तीन प्लांटों को चार रैक, हरियाणा को एक रैक, पंजाब को एक रैक कोयला सप्लाई की जाती थी
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कोल मंत्रालय को लिखा पत्र
पावर प्लांटों द्वारा कोयला उठाव बंद किए जाने से बीसीसीएल का कोयला स्टॉक लगातार बढ़ रहा है। अधिक दिनों तक कोयला स्टॉक में पड़े रहने पर उसकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। बीसीसीएल सेल्स विभाग ने कोल मंत्रालय व कोल इंडिया प्रबंधन को पत्र लिखकर आगे की कार्रवाई के लिए दिशा निर्देश मांगा है।
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डिस्पैच ग्रोथ नकारात्मक
बीसीसीएल का कोयला डिस्पैच ग्रोथ मौजूदा समय में वृद्धि के बजाय नकारात्मक है। चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी ने 36.5 मिलियन टन कोयला डिस्पैच का लक्ष्य रखा है। अब तक 30 मिलियन टन का ही आंकड़ा कंपनी पार कर सकी है। डेढ़ माह में कंपनी को लक्ष्य प्राप्त करना है।
पावर प्लांटों को फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट के तहत कोयला दिया जाता है। इसी अनुरूप उत्पादन का प्लान तैयार किया जाता है। उठाव नहीं होने से कई तरह की परेशानी बढ़ गई है। कंपनी को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। यदि पुराने प्लांट बंद हो गए हैं तो उनकी जगह बनाए गए नए प्लांटों को कोयला लेना चाहिए। ऊर्जा मंत्रालय इस पर गंभीरता से विचार करें - देवल गांगुली, तकनीकी निदेशक, बीसीसीएल।