दोबारी में बढ़ा गोफ का दायरा, गैस रिसाव से हड़कंप
तिसरा : बीसीसीएल के बस्ताकोला क्षेत्र अंतर्गत राजापुर परियोजना के पास बसी अग्नि व भू धंसान प्रभावित
तिसरा : बीसीसीएल के बस्ताकोला क्षेत्र अंतर्गत राजापुर परियोजना के पास बसी अग्नि व भू धंसान प्रभावित दोबारी खाद बस्ती में चार जनवरी को जमीन धंसने से गोफ बन गया था। मंगलवार को इसका दायरा और बढ़ गया। इसमें तेजी से गैस रिसाव भी हो रहा है। गोफ के करीब सौ मीटर दूर ही बस्ती है। गैस रिसाव से यहां बसे 40 परिवारों में दहशत है। बस्ती निवासी शंकर ¨सह, प्रियंका देवी, रीना देवी, राजकिशोर ¨सह, अजय ¨सह, उपेंद्र ¨सह, सुनील ¨सह ने बताया कि पहले भी यहां भू-धंसान हो चुका है। बावजूद प्रबंधन ध्यान नहीं देता है। चार जनवरी को गोफ हुई पर उसकी भराई तक नहीं कराई गई। पास में ही राजापुर परियोजना चल रही है। परियोजना विस्तारीकरण के लिये ही यहां की भराई नहीं की जा रही है। 40 परिवारों के पुनर्वास को लेकर जरेडा की ओर से वर्ष 2010 में सर्वे किया गया है। बावजूद आवास किसी को नहीं मिला। लोगों ने बताया कि इलाके के आग प्रभावित होने के कारण कई मकानों में दरार भी हो गईं हैं। गैस भी निकलती है। राजापुर परियोजना के वेलफेयर अधिकारी आरसी पासवान ने बताया कि यहां के लोगों के पुनर्वास को हमने उपायुक्त और जरेडा को पत्र भेज दिया है। आवंटन होने पर मकान मिलेगा। वहीं परियोजना पदाधिकारी ¨वध्याचल ¨सह का यह भी कहना है कि इलाका खतरनाक है। लोगों का नाम तो सूची में है ही इसलिये मकान मिलेगा। पर जब तक आवंटन नहीं होता कहीं अन्यत्र रहें ताकि मानव जीवन की सुरक्षा हो सके।
कभी भी हो सकता है हादसा : स्थानीय लोगों ने बताया कि सुदामडीह में पूर्व में आग के कारण दो घर जमींदोज हो चुके हैं। पाथरडीह सुदामडीह मार्ग पर भारी भरकम गोफ बन चुका है। बावजूद ऐसी घटनाओं से प्रबंधन सबक नहीं ले रहा है। प्रबंधन को जहां आग का प्रकोप ज्यादा है वहां के लोगों के तत्काल पुनर्वास की तैयारी करनी चाहिये। लोगों को आवास दिलाने में युद्ध स्तर पर काम हो। पर प्रबंधन ध्यान नहीं देता। जरेडा भी अपनी जिम्मेवारी ठीक से नहीं निभा रहा है। आवास की कमी का रोना रो समस्या को लटकाने का काम किया जाता है।