प्रदीप संथालिया का हुआ धनबाद केमिकल
गोविंदपुर : धनबाद केमिकल एनिरॉक्स पिगमेंट प्राइवेट लिमिटेड को आइडीबीआइ बैंक कोलकाता ने गुरुवार को अप
गोविंदपुर : धनबाद केमिकल एनिरॉक्स पिगमेंट प्राइवेट लिमिटेड को आइडीबीआइ बैंक कोलकाता ने गुरुवार को अपने कब्जे में ले लिया। जिला प्रशासन के निर्देश पर बीडीओ संजीव कुमार ने बतौर दंडाधिकारी यह कार्रवाई की। ऋण बकाया होने के कारण बैंक प्रबंधन ने यह कार्रवाई की है। इसके साथ ही बैंक ने इस फैक्ट्री को उद्योगपति प्रदीप संथालिया के हवाले कर दिया। संथालिया ने बैंक से यह फैक्ट्री खरीद ली। धनबाद केमिकल कारखाना के अलावा धनबाद गोविंदपुर मुख्य मार्ग स्थित इसके खाली भूखंड एवं भवन को भी बैंक ने अपने कब्जे में ले लिया। यहां फैक्ट्री के स्टॉफ रहते थे। बैंक ने सरफेसी अधिनियम के तहत यह कारवाई की है। इसके पहले 8 जनवरी 2016 को बैंक ने फैक्ट्री के स्टॉफ क्वार्टर को सरफेसी एक्ट के तहत सांकेतिक रूप से अपने कब्जे में ले लिया था। इस दौरान प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिन्हा समेत बड़ी संख्या में पुलिस तैनात थी। फैक्ट्री के मालिक उद्योगपति संतोष भुवानिया एवं ओम प्रकाश भुवानिया थे।
-----------------
18 वर्ष पहले बंद हुई थी फैक्ट्री
एक जमाने में धनबाद केमिकल एकीकृत बिहार का प्रसिद्व रासायनिक कारखाना था। इसका उत्पाद विदेशों में भी जाता था। यह फैक्ट्री 1998 में बंद हो गई। यहां कारखाना प्रबंधन ने सुभाष चटर्जी के धनबाद इंडस्ट्रीयल वर्कर्स यूनियन को मान्यता दे रखी थी। इस यूनियन को पॉकेट यूनियन करार देकर समरेश सिंह ने यहां झडा गाड़ने की कोशिश करते हुए घेरा डालो डेरा डालो अभियान चलाया था। अभियान में समरेश सिंह को जेल तक जाना पड़ा। बाद में बच्चा सिंह एवं राजीव रंजन सिंह ने भी सभा की थी। शिबू सोरेन भी आदोलन में प्रबंधन के पक्ष में कूदे थे। इस फैक्ट्री में लगभग 3 हजार कर्मी कई शिफ्ट में काम करते थे।