मैथन सिरामिक्स के निदेशक को 50 लाख जुर्माना
जागरण संवाददाता, धनबाद : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश गोपाल कुमार राय ने कायनाइट पत्थर की आपूर्ति में क
जागरण संवाददाता, धनबाद : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश गोपाल कुमार राय ने कायनाइट पत्थर की आपूर्ति में की गई फर्जीबाड़ा के मामले में मेसर्स मैथन सिरामिक्स के निदेशक चंद्रशेखर सिंह को दोषी ठहराते हुए 50 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना की राशि नहीं देने पर अदालत न्यायिक प्रक्रिया के तहत यह राशि वसूल करेगी। वहीं इसी मामले में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक रामचंद्रम कप्पूस्वामी को दोषी ठहराते हुए तीन साल कारावास एवं सात लाख जुर्माना की सजा सुनाई है। ऊपरी अदालत में अपील के लिए अदालत ने रामचंद्रम को जमानत दे दी है।
क्या है मामला - 1985 से 87 के बीच हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड से मैथन सिरामिक्स को तीन हजार 750 मैट्रिक टन कायनाइट पत्थरों की आपूर्ति की गयी थी। इसका बाजार मूल्य एक हजार से छह हजार रुपये प्रति मैट्रिक टन था। साजिश के तहत धोखाधड़ी व फर्जीवाड़ा कर मात्र छह सौ रुपये प्रति मैट्रिक टन के हिसाब से हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड को पैसे का भुगतान किया गया था। इससे हिंदुस्तान कॉपर को 15 लाख से 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ था। सीबीआइ ने ठोस सूचना पर अनुसंधान कर 16 जनवरी 87 को प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआइ इंस्पेक्टर डीबी सिंह ने 31 दिसंबर 87 को दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआइ की ओर से नौ गवाह अदालत में पेश किए गए थे। इस मामले में अभियोजन पक्ष से सीबीआइ के विशेष अभियोजक लव कुश कुमार ने पैरवी की।