रिश्वतखोरी के दो आरोपी की रिहाई
जागरण संवाददाता, धनबाद : रिश्वतखोरी के 13 साल पुराने मामले में दो आरोपियों को सीबीआइ के विशेष न्याया
जागरण संवाददाता, धनबाद : रिश्वतखोरी के 13 साल पुराने मामले में दो आरोपियों को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके सिन्हा ने रिहाई का फैसला सुनाया है। ये मामला महुदा वाशरी जोन से जुड़ा है। बचावपक्ष की ओर अधिवक्ता कुमार मनीष ने पैरवी की थी जबकि सीबीआइ की ओर से लोक अभियोजक केके सिन्हा थे।
ये है मामला - 7 अक्टूबर 02 को धनबाद सीबीआइ ने रिश्वत लेने के मामले में तत्कालीन सहायक अभियंता सिविल बबन पांडेय (अब मृत) के साथ बीसीसीएल के दो ठेकेदार उमेश चंद्र महतो और विजेंद्र नाथ रॉय को दबोचा था। आरोप था कि बीसीसीएल ठेकेदार चंद्रशेखर चौधरी से लगभग 25000 रुपये का बिल पास कराने के लिए 2500 रुपये का रिश्वत लिया जा रहा था। सीबीआइ ने रिश्वत की रकम बीसीसीएल ठेकेदार उमेश चंद्र के पास से बरामद की थी। सीबीआइ का कहना था कि इंजीनियर बीसीसीएल ठेकेदारों के माध्यम से रिश्वत लेता था। सीबीआइ ने इस मामले में वर्ष 2008 में चार्जशीट दायर की थी। विचरण के दौरान आरोपी इंजीनियर पांडेय की मौत हो गई। वहीं अभियोजन की ओर से तेरह गवाहों ने गवाही दी थी। इस मामले में बुधवार को कोर्ट ने सबूत और बचाव पक्ष की दलील को सुनते हुए दोनों आरोपियों को रिहा कर दिया। अधिवक्ता कुमार मनीष ने बताया कि सीबीआइ दोनों आरोपियों को गवाह बनाना चाहती थी, गवाह नहीं बनने पर मुकदमे में घसीट दिया। ये बात उन्होंने कोर्ट में साबित कर दी तो न्याय मिला।