नई परियोजना की पहली बलि चढ़ी नौ नंबर खदान
संवाद सहयोगी, तिसरा, झरिया : दोबारी कोलियरी में नई आउटसोर्सिग परियोजना खोलने के लिये प्रबंधन ने कमर
संवाद सहयोगी, तिसरा, झरिया : दोबारी कोलियरी में नई आउटसोर्सिग परियोजना खोलने के लिये प्रबंधन ने कमर कस ली है। इसी कड़ी में नौ नंबर भूमिगत खदान को बंद करने का काम लगभग पूरा हो गया है। यहां कोयला खनन में लगी सभी तीनों एसडीएल मशीनों को खदान से निकाल लिया गया है। इनमें से दो को चांदमारी खदान में भेजा गया है। एक खदान के ऊपर ही रखी गई है।
दोबारी भूमिगत खदान को बंद कर प्रबंधन यहां नई आउटसोर्सिग परियोजना प्रारंभ कर रहा है। सबसे पहली अड़ंगा बनी नौ नंबर खदान की बलि प्रबंधन ने दे दी है। दोबारी प्रबंधन ने श्रमिकों के विरोध के बावजूद मंगलवार की देर रात खदान से अंतिम एसडीएल मशीन भी निकाल ली। अब इस खदान के खुलने की संभावना खत्म हो गई है। यहां के दो सौ मजदूरों को अभी दोबारी जीरो सिम व छह नंबर में भेजा गया है। पर, आने वाले दिनों में वह खदानें भी बंद होंगी। सुबह श्रमिकों को खदान से मशीन को निकालने की सूचना मिली तो उन्होंने अधिकारियों और नेताओं पर भड़ास निकाली। कहा कि यूनियन नेता तगड़ा विरोध नहीं कर रहे हैं। या फिर प्रबंधन नेताओं को हल्के में ले रहा है। तभी खदान से मशीन निकाल ली गई। मशीन उठाने की सूचना पर नेताओं को फोन किया गया। पर कोई नेता नहीं आया। केंद्रीय नेताओं को भी जानकारी दी गई है। मशीन निकालने के खिलाफ बुधवार को दोबारी में कोई विरोध भी नहीं हुआ। तीन दिन में प्रबंधन ने तीनों मशीन निकाल लीं।
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अब जीरो सीम व छह नंबर खदान की
बारी
तिसरा : नौ नंबर के बाद अब जीरो व छह नंबर खदान की बारी है। कहा जा रहा है कि प्रबंधन का अगला निशाना इन्हीं दोनों खदानों पर है। तीनों खदानों के बंद होने पर यहां कार्यरत लगभग एक हजार संगठित मजदूरों पर स्थानांतरण की गाज गिरेगी। जबकि तीन सौ असंगठित मजदूरों का यहां ट्रक लोडिंग का काम बंद होने से रोजी रोटी पर संकट आयेगा।
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एक और शावेल मशीन पहुंची
तिसरा : दोबारी में खुलनेवाली नई आउटसोर्सिग परियोजना से कोयला उत्पादन के लिए बुधवार को एक शावेल मशीन और पहुंच गई। यहां पहले से एक शावेल मशीन, एक डोजर, दो हाइवा हैं।