अवैध खान दुर्घटना में पांच दफन, दर्जनभर घायल
जागरण संवाददाता, निरसा : कोयले के अवैध धंधे के लिए कुख्यात-विख्यात निरसा थाना क्षेत्र में गुरुवार को अवैध खदान धंसने से पांच लोग दफन हो गए। हालांकि घटना को अफवाह बताकर निरसा थाना की पुलिस मामले पर पर्दा डालने में जुट गई है।
निरसा थाना क्षेत्र में ईसीएल की बंद फटका कोलियरी के जीरो सीम क्षेत्र में गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में मजदूर कोयले के अवैध खनन में लगे थे। अपराह्न 2 बजे अचानक एक अवैध खदान का मुहाना धंस गया। मुहाना धंसने के अवैध खदान के अंदर उतरे लोगों में से पांच लोग दफन और दर्जन भर घायल हो गए। घटना के बाद आस-पास में ही दो दर्जन से ज्यादा इसी तरह चल रही अवैध खदान में भगदड़ मच गई। किसी तरह एक शव को निकालकर मजदूर भागने में सफल रहे। आस-पास के कुछ लोगों ने पूछताछ करने पर दबी जुबान बताया कि निकाला गया शव मधुपुर (देवघर) से आने वाले मजदूर का है। शव को एक रिफैक्ट्री में छुपा कर रखा गया है। चोरी-छिपे अंतिम संस्कार की तैयारी की जारी है।
अमूमन हर अवैध खदान दुर्घटना के बाद पुलिस कार्रवाई के डर और अवैध खदान चलाने वालों के दबाव में मृतक के परिजन सामने नहीं आते हैं। इस घटना में भी पुरानी कहानी की पुनरावृत्ति हुई। खदान में मरने वाले मजदूरों के परिजन सामने नहीं आए। निरसा पुलिस भी मामले को रफा-दफा करने में जुट गई। सूचना मिलने पर निरसा थाना के जमादार मनोज कुमार चौधरी और कालूबथान ओपी प्रभारी प्रेमचंद दयाल घटनास्थल पर गए। लौटकर वरीय पदाधिकारियों को कह दिया कि कोई घटना नहीं घटी है। थाना प्रभारी रामप्रवेश कुमार निरसा से बाहर रहने के कारण घटनास्थल पर नहीं गए। वह रामगढ़ में थे। उन्होंने कहा-पता नहीं कहां से पांच लोगों के मरने का अफवाह उड़ गयी। अवैध खदान धंसान की कोई घटना नहीं घटी है। घटनास्थल के पास कई अवैध मुहाने खुले हुए हैं और खनन का इंतजाम है। इससे स्पष्ट होता है इस इलाके में बहुत दिनों से अवैध खनन का गोरखधंधा चल रहा है। ऐसे में पुलिस प्रशासन व कोलियरी प्रबंधन कैसे अंजान बने हुए है, यह आश्चर्य की बात है।