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झरिया में भी टूटा डायरिया का कहर

By Edited By: Published: Wed, 30 Jul 2014 10:23 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jul 2014 10:23 PM (IST)
झरिया में भी टूटा डायरिया का कहर

झरिया/लोदना : ध्वस्त सफाई व्यवस्था के कारण गंदगी से बजबजा रहे झरिया में डायरिया ने आखिरकार अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। शहर में आधा दर्जन से अधिक लोगों को डायरिया ने जकड़ा है। इनका इलाज चल रहा है। एक मरीज शांति को स्थिति गंभीर होने के कारण धनबाद रेफर कर दिया गया। इधर शहर में लगे गंदगी के अंबार से गुस्साये पार्षद अनूप साव व कई नागरिकों ने नगर निगम कार्यालय में कूड़ा फेंककर विरोध जताया।

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कोयरीबांध के रहने वाले सुनील गुप्ता, बेबी देवी, कुस्तौर के आफताब अंसारी, राजबाड़ी के राजेश अग्रवाल, जयरामपुर मोड़ की जरीना खातून, फतेहपुर लेन की किरण संघवी, लोदना की अफसाना खातून, बनियाहीर की पूनम देवी को डायरिया के कारण झरिया के नर्सिग होम में भर्ती कराया गया है। डायरिया के कई मरीज मिलने की जानकारी पाकर पार्षद अनूप साव, चैंबर नेता उपेन्द्र गुप्ता, दीपू साव ने नर्सिग होम पहुंच सबका कुशल क्षेम जाना। लोगों ने गंदगी को डायरिया का कारण बताया। इसके बाद पार्षद अनूप साव दर्जनों समर्थकों व नागरिकों को लेकर नगर निगम कार्यालय पहुंचे। इन लोगों ने कोयरीबांध व सब्जी पट्टी में पड़ा कूड़ा भी ठेला पर लादा और नगर निगम कार्यालय में फेंक दिया। इनके तेवर देख वहां मौजूद कर्मी भी मूकदर्शक बने रहे। अनूप ने बताया कि झरिया नगर निगम का हिस्सा बन गया है। पर न तो निगम को सफाई व्यवस्था की चिंता है न ही माडा को। दोनों एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकते हैं और भुगतना जनता को पड़ रहा है। यह नहीं चलेगा। मामले की माडा सीएमओ, नगर आयुक्त को भी जानकारी दी है, पर वे भी मौके पर नहीं आये। गंदगी के कारण ही डायरिया का प्रकोप हुआ है। निगम कर्मी कृष्णा चौबे का कहना है कि सफाई का काम माडा का है उसके बावजूद हमारे यहां कूड़ा क्यों फेंका गया समझ से परे है। आंदोलन में विनोद साव, दिलीप मंडल, चंदन सोनकर, शंकर, विक्रम, टिकोरी, भागो, मंटू, छोटू साव, नारायण बाउरी, ओमप्रकाश आदि थे। आंदोलनकारियों के जाने के बाद निगम कार्यालय से कर्मियों ने कूड़ा हटवाया।

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सफाई के प्रति सचेत रहें: डॉ. अग्रवाल

झरिया: डॉ. ओपी अग्रवाल का कहना है कि डायरिया जीवाणुजनित रोग है। यह जीवाणु गंदगी के कारण खूब फैलता है। गंदगी के कारण मक्खी का प्रकोप बढ़ता है। उसके द्वारा ही इस जीवाणु का प्रसार होता है। दूषित पेयजल, खुला भोजन, बाजार में रखे कटे फल के सेवन से रोग की संभावना बढ़ती है। इससे बचाव को सफाई के प्रति सजग हों। पेयजल उबालने के बाद पियें।

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चैंबर ने की व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग:

चैंबर ऑफ कामर्स झरिया के अध्यक्ष उपेन्द्र गुप्ता, दीपू साव, नीरज साव, अरुण जायसवाल ने सिविल सर्जन डॉ. एके सिंह एवं शशिभूषण प्रसाद को समस्या की जानकारी दे उचित उपाय करने की मांग की है। प्रशासन से जल्द सफाई दुरुस्त करने की अपील की है। फोगिंग मशीन चलवाने की बात कही। आरोप लगाया कि कहीं न कहीं दूषित जल की आपूर्ति से भी डायरिया फैल रहा है। माडा जल को सजगता से शोधित कर आपूर्ति करे।

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सचिव ने जताई थी आशंका: हाल में नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने धनबाद के अपने दौरे के दौरान गंदगी के कारण महामारी फैलने की आशंका जताई थी। झरिया में कई डायरिया रोगी मिलने के बाद उनकी आशंका को बल मिला है। बावजूद तंत्र में बैठे लोग सफाई के प्रति सजग नहीं हैं। झरिया में गंदगी का अंबार हर ओर दिख रहा है।

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वर्जन

डायरिया के कुछ रोगी मिले हैं। महामारी की स्थिति नहीं है। माडा को झरिया व बरारी में डालने के लिये ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध कराया है। सफाई माडा को करानी है। हमारे पास पर्याप्त दवा व चिकित्सक हैं। यदि कहीं रोग की सूचना मिलती है तो उससे निपटने को हम सक्षम हैं।

शशिभूषण प्रसाद, चिकित्सा पदाधिकारी, झरिया

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संसाधन न होने के कारण सफाई व्यवस्था चरमराई है। कभी तीन सौ सफाई कर्मी थे आज महज 116 हैं। कम संसाधन में जितना संभव है उतना काम हम कर रहे हैं।

छोटे लाल राउत, सफाई निरीक्षक माडा झरिया

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