कैबिनेट में उठेगा सिंदरी के विस्थापितों का मामला
संस, सिंदरी : खाद्य आपूर्ति उपभोक्ता एवं ग्रामीण विकास मंत्री लोबिन हेम्ब्रम ने सोमवार को सिंदरी में कहा कि खाद कारखाना के विस्थापितों के पुनर्वास के मामले को कैबिनेट बैठक में उठाएंगे। विस्थापितों को न्याय दिलाने के लिए उच्च न्यायालय में पीआइएल दाखिल करेंगे। झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन की ओर से नेहरू मैदान में आयोजित अभिनंदन समारोह में शामिल हुए मंत्री ने कहा कि अलग राज्य के लिए आदिवासियों के साथ गैर आदिवासियों ने भी कुर्बानी दी है। यहां रहने वाले आदिवासी या गैर आदिवासी सभी झारखंडी हैं।
सिंदरी खाद कारखाना देश का था। देश के हर नागरिक को घर का अधिकार मिला है। इन्हें किसी भी मूल्य पर विस्थापित नहीं होने दिया जाएगा। विस्थापितों के गांव के-वन बस्ती का उन्होंने दौरा किया। गांव में न तो शौचालय और न ही पेयजल की समुचित सुविधा। कहा, यह तो अन्याय है। सिंदरी खाद कारखाना प्रबंधन द्वारा लीज पर दिये गये आवासों के एवज में एकमुश्त ली गयी जमानत राशि का ब्याज नहीं देने तथा बिना मरम्मत के आवासों का मासिक किराया लेने को सरकारी शोषण बताया। कहा कि इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेंगे। रांगामाटी के 12 गांवों को नगर निगम से हटाकर पंचायत में शामिल करने तथा करमाटांड़ के विस्थापितों के नियोजन के मामले में उपायुक्त धनबाद से वार्ता करेंगे। हेमंत सरकार की स्थानीयता नीति को लेकर की गयी पहल पर तैयार प्रारूप को सरकार की उपलब्धि बताया। अध्यक्षता रमेश टुडू ने की। सुखलाल मरांडी, लखीराम सोरेन, अजीत कुमार मुर्मू, मन्नू आलम, देबू महतो, विनोद, दिलीप, प्रभुनाथ महतो ने भी संबोधित किया।
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जमाखोरी पर कार्रवाई को
केंद्र के निर्देश का इंतजार
धनबाद : खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि खाद्य सामग्री के स्टॉक की गाइडलाइन साफ नहीं है। इस संबंध में केन्द्र से कोई निर्देश नहीं आया है। इसकी जमाखोरी को लेकर केन्द्र से दिशा निर्देश मांगा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। गाइड लाइन के आधार पर जमाखोरी पर कार्रवाई की जाएगी। वह सोमवार को परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दाल भात योजना को लेकर केन्द्र से चावल की मांग की गयी है जो अभी तक नहीं मिला है। राज्य सरकार इसे अपने स्तर पर शुरू करने के प्रयास में है।