देवघर में कई भ्रूण मिलने से हड़कंप, भ्रूण हत्या की आशंका
सड़क किनारे कई भ्रूण मिलने से हड़कंप मच गया पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना झारखंड के देवघर की है।
जागरण संवाददाता, मोहनपुर (देवघर)। मोहनपुर थाना अंतर्गत दहीजोर-डुमरथर सड़क किनारे कई भ्रूण मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सभी भ्रूण शीशे के जार में बंद मिले। उन्हें बोरा में भरकर सोमवार रात किसी ने सुनसान जगह पर फेंक दिया। इस बीच, एक ग्रामीण ने इन भ्रूणों को देखा और आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी। ग्रामीणों की सूचना पर देर रात पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि रात अधिक होने के कारण वहां चौकीदार को तैनात कर दिया गया था।
मंगलवार सुबह पुलिस ने 9 भ्रूण को बरामद कर मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। इस क्रम में एक महिला चिकित्सक भी मौजूद थी। चौकीदार के बयान पर इस मामले में मोहनपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात कराने, शिशु को पैदा होने से रोकने, सोची-समझी साजिश के तहत इस कार्य को अंजाम देने से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं। शवों को अलग-अलग पैकेट में बंद कर जांच के लिए भेजा गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच से ऐसा लगता है कि गर्भ में पल रहे अविकसित व विकृत भ्रूणों का गर्भपात करा कहीं से लाकर यहां फेंका गया था। मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है, ताकि पता चल सके कि क्या ये सही में अविकसित और विकृत भ्रूण हैं या मामला सीधे भ्रूण हत्या से जुड़ा है। डाक्टरों की टीम के मंतव्य के बाद बुधवार को इस मामले में काफी कुछ स्पष्ट होने की उम्मीद है। ग्रामीणों ने बताया कि रात में वहां कुछ और भू्रण थे। शायद उन्हें जानवर उठाकर ले गए।
मोहनपुर स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा डॉ. यूएस तृप्ति ने भी फिटस (भ्रूण) की जांच की। कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला कि गर्भ में शिशुओं का सही तरीके से विकास नहीं हो पाया था। एक का सिर अपेक्षा से काफी बड़ा और दो जुड़वा पाए गए हैं। इनमें कुछ न कुछ कमी थी जिस कारण उनका गर्भ में ही मौत हो गया या फिर गर्भपात कराना पड़ा। ऐसा लगता है कि इन सभी भ्रूणों के शवों को किसी अस्पताल या क्लिनिक में रखा गया था। बाद में उन्हें यहां लाकर फेंक दिया गया। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले में पोस्टमार्टम कराने की सलाह दी गई है।
मोहनपुर थाने में इस बाबत मामला दर्ज किया गया है। सभी बरामद शवों को डॉक्टरी जांच के लिए भेज दिया गया है। सिविल सर्जन से बात हुई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाएगा। अगर पोस्टमार्टम की बात सामने आई तो फिर सभी इन भ्रूणों की कानूनी जांच की जाएगी। मेडिकल से ही स्पष्ट हो पाएगा कि मामला भ्रूण हत्या का है या फिर कुछ और। इन्हें यहां किसने लाकर फेंका, इसकी भी जांच की जा रही है।
-दीपक कुमार पांडेय, एसडीपीओ देवघर
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