¨हसा व दहेज मुक्त समाज बनाने का संकल्प
मधुपुर (देवघर) : डालमिया धर्मशाला में शनिवार को स्वयं सेवी संस्था बुलाहट, आश्रय व प्रेरणा भारती के स
मधुपुर (देवघर) : डालमिया धर्मशाला में शनिवार को स्वयं सेवी संस्था बुलाहट, आश्रय व प्रेरणा भारती के संयुक्त तत्वावधान में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन अधिवक्ता आशीष कुमार, मंजू कुमारी, जुलेखा बीवी व अमिता शाह ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान महिला ¨हसा पर रोक लगाने के लिए कानूनी जानकारी, परिवार, समाज, पंचायत और प्रशासन की भूमिका पर विचार विमर्श किया गया। गोष्ठी में मधुपुर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र से कुल 70 प्रतिभागियों ने भाग लिया। मौके पर प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जोड़ने का संकल्प लिया।
मौके पर आशीष कुमार ने कहा कि महिला व घरेलू ¨हसा की घटनाओं में दिन व दिन इजाफा हो रहा है। 2016 में झारखंड में 600 महिलाओं की हत्या, करीब 2000 बलात्कार व 10,000 से अधिक घरेलू ¨हसा की घटनाएं दर्ज हुई है। समाज की भूमिका गौण हो रही है, मामला थाना और पुलिस तक पहुंच रहा है। पारिवारिक अशांति के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रहा है। माता-पिता के प्रति बच्चों की श्रद्धा कम हो रही है। लोग गलत रास्ते पर जा रहे हैं। थाना पुलिस के चक्कर में लोगों का पैसा खर्च हो रहा है और कई बेगुनाह रिश्तेदार भी झूठे मामले में फंस रहे हैं। मनचले लड़कों के गलत हरकतों के कारण लड़कियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। कहा कि आवश्यकता है लोगों को जागरूक होने की।
ससुराल वाले लड़की को मायके जैसा माहौल दे। पति-पत्नी के बीच बराबरी का माहौल हो। इसके लिए उन्होंने परिवार परामर्श केंद्र में विवाह पूर्व व समय-समय पर विवाह पश्चात काउंस¨लग की व्यवस्था किये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि विवाह निबंधन अनिवार्य होनी चाहिए। इसकी जिम्मेदारी पंचायत को मिलनी चाहिए। गांव-गांव में घरेलू ¨हसा निवारक कमेटी बने जिसे 75 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो। मंजू कुमारी ने भी घरेलू ¨हसा कानून के बारे में विस्तार से बताया। बुलाहट की सचिव बेरनादेत तिर्की व आश्रय की दीपा कुमारी ने महिला दिवस के इतिहास एवं महिला ¨हसा रोकने के लिए महिलाओं को एकजुट होने पर जोर दिया।
प्रेरणा भारती की सचिव डॉ. कल्याणी मीना महिला ¨हसा मुक्त गांव व दहेज मुक्त समाज बनाने की वकालत की। इस दौरान मंजू मुर्मू, रिफत जहां, टेरेसा मुर्मू, सहजीन बीवी, हफीजन बीवी आदि ने ¨हसा मुक्त समाज बनाने का संकल्प लिया। आयोजन को सफल बनाने में शहनाज, शांति लता, उषा कुमारी, सिमोती मुर्म, छोटू मुंडा आदि की भूमिका सराहनीय रही।