भूमि विवाद ने रोकी 14 करोड़ की सड़क
सारठ (देवघर) : पथ निर्माण विभाग की तकरीबन 14 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन चितरा-ठाढ़ी मिश्राडीह सारठ
सारठ (देवघर) : पथ निर्माण विभाग की तकरीबन 14 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन चितरा-ठाढ़ी मिश्राडीह सारठ भाया बीरमाटी पीडब्लूडी पथ चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण का कार्य अगस्त तक पूरा होने में कई अड़चन है। 2016 में सड़क निर्माण का कार्य अम्रहा कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. पटना द्वारा शुरू किया गया। जमीन अधिग्रहण पूरा नहीं होने से ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को रोक दिया है। 32 पुलिया बनकर तैयार है और दो पुल का काम चल रहा है। इसमें एक ओर रैयती जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है तो दूसरी ओर भूअर्जन विभाग ने अब तक रैयतों को नोटिस नहीं दिया है। पथ निर्माण विभाग भी इस बात से सहमत है कि अड़चन है। ऐसे में समय पर योजना पूरी नहीं हो पाएगी।
कहां है अवरोध : ठाढ़ी, चिकनियां, जमुनियाटांड़, मिश्राडीह आदि मौजा में रैयतों द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया गया है। राखजोर गांव के कुछ ग्रामीणों द्वारा सड़क को अतिक्रमण कर मकान आदि बना लिया गया है। इससे निर्माण कार्य बाधित हो रहा है। सड़क पर लगाए गए बिजली पोल व चापाकल को भी विभाग ने अब तक नहीं हटाया है। इस पथ में ठाढ़ी, बीरमाटी, जमुनियाटांड़, मिश्राडीह आदि स्थानों पर लगभग तीन किलोमीटर तक ड्रेन बनाना है। ताकि गांव का पानी ड्रेन से बाहर निकल सके। लेकिन ठाढ़ी व बीरमाटी में पाइपलाइन में गड़बड़ी के चलते कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। ड्रेन के लिए चार फिट खुदाई करनी है। जबकि इस लाइन में ग्रामीण पेयजलापूर्ति के लिए जो पाइप बिछाया गया है उसकी गहराई मात्र डेढ़ से दो फीट है। ऐसे में कार्य की प्रगति पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
ग्रामीण परेशान : सड़क सारठ, कचुवाबांक, फूलचुवां, शिमला, चितरा आदि पंचायत के दर्जनों गांवों के लोगों के लिए यह लाइफलाइन सड़क है। आमजन को इस जर्जर सड़क के कारण वर्षो से परेशानी झेलनी पड़ रही है। अब लोगों में उम्मीद जगी थी कि जल्द ही उन्हें अच्छी सड़क मिलने वाली है। लेकिन जगह-जगह विवाद तथा अधिकारियों की उदासीनता के कारण लोगों को परेशानी से निजात मिलती नहीं दिख रही है। आमजनों ने कृषि मंत्री से जल्द से जल्द सड़क निर्माण कराने की मांग की है।
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विभाग की ओर से समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। कहीं कहीं विवाद के कारण काम रूका है। विद्युत विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग आदि को पत्र लिखकर बिजली पोल, चापाकल एवं पेड़ हटाने का अनुरोध किया गया है। तीन किमी से अधिक पी¨चग का कार्य भी पूरा हो चुका है।
जयकांत राम, सहायक अभियंता