अंतरराष्ट्रीय शहर की बदलेगी सूरत
देवघर : देवघर का योजनाबद्ध तरीके से विकास नहीं हो सका है। बिना प्लान के यह शहर समय-समय पर विकास की र
देवघर : देवघर का योजनाबद्ध तरीके से विकास नहीं हो सका है। बिना प्लान के यह शहर समय-समय पर विकास की राह पर चल तो दिया लेकिन वह नहीं हो सका जिससे यह सुंदर शहर की श्रेणी में शामिल हो। तीर्थनगरी होने के नाते यहां प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं परंतु उनको वैसी सुविधा नहीं मिल पाती। भारत सरकार ने देश के चु¨नदा आध्यात्मिक नगरी की तरह देवघर का चयन प्रसाद योजना में कर लिया है। सोमवार को दिल्ली की दारा सा कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट टी आनंद मोहन ने समाहरणालय में उपायुक्त अरवा राजकमल, एसपी ए विजयालक्ष्मी समेत आला अधिकारियों के समक्ष अमृतसर स्वर्ण मंदिर के रास्ते का सुंदरीकरण एवं उसमें किए बदलाव को तस्वीर के साथ पेश किया। बताया गया कि कल स्वर्ण मंदिर जाने के रास्ते कितने संकीर्ण थे आज किस तरह का बदलाव आया है। आनंद मोहन ने जागरण को बताया कि उनकी कंपनी ने ही यह इसकी योजना बनाई है। बाबा मंदिर जाने के सभी रास्ते उसी तरह सुंदर व सुसज्जित कर दिया जाएगा। न तो बाहर नाला का पानी दिखेगा, न ही वाटर सप्लाई का पाइप। पोल पर झूलते तार नहीं होंगे। टावर चौक, पीपल पेड़, शिवगंगा की ओर से जानेवाले रास्ते के सभी प्रतिष्ठान एक समान दिखेंगे। जयपुर की तरह एक रंग में रंगा मकान-दुकान होगा।
कहा कि डीपीआर बनाने का काम एक महीना में पूरा कर प्रशासन के सिपुर्द कर दिया जाएगा। जानकारी हो कि बिजली, पानी, ड्रेनेज, सिवरेज, फसाड का काम किया जाएगा। उसकी योजना तैयार होगी। इसमें किसी को क्षति नहीं पहुंचायी जाएगी। जो रास्ता है उसे ही बेहतर किया जाएगा। डीपीआर बनने के बाद प्रशासनिक पदाधिकारी, शहर के बुद्धिजीवियों के साथ मंथन किया जाएगा। बता दें कि प्रसाद योजना में शामिल कराने के लिए सांसद निशिकांत दुबे ने प्रयास किया। सांसद ने कहा कि प्रस्तावित 40 करोड़ रुपया देवघर में ही खर्च किया जाएगा।