मारगोमुंडा में स्वास्थ्य सेवा का बुरा हाल
मारगोमुंडा (देवघर) : मारगोमुंडा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल है। सरकार ग्रामीण क्षेत्
मारगोमुंडा (देवघर) : मारगोमुंडा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल है। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लाखों खर्च कर रही है। धातृ महिलाओं एवं बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए लाखों खर्च कर कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मी सिर्फ अपनी नौकरी बचाने के लिए कभी कभार स्वास्थ्य उपकेंद्र का ताला खोलते हैं। लेकिन इलाज के नाम पर न तो केन्द्र पर दवाई है और न ही कोई अन्य सुविधा। डॉक्टर तो कभी यहां झांकने तक नहीं आते हैं। बता दें कि मारगोमुंडा आदिवासी बहुल क्षेत्र है। यहां के अधिकांश आबादी गरीबी रेखा के नीचे आते हैं। ऐसे में छोटी मोटी बीमारियों के लिए उन्हें झोला छाप डॉक्टरों पर निर्भर रहना पड़ता है। जो इनका न केवल आर्थिक शोषण करते हैं बल्कि गलत इलाज के कारण असमय मौत भी हो जाती है।
ग्रामीण विनय तिवारी, अजय चंद्र, रामबालक साह, गौरी साह, नासीर मियां, दरबारी मरांडी आदि ने बताया कि स्वास्थ्य उपकेंद्र अक्सर बंद रहता है। कहने को यहां दो एएनएम पदस्थापित हैं लेकिन वे सिर्फ टीकाकरण के लिए महीने में एक बार आती है। ऐसे में गरीब लोगों को अपने इलाज के लिए गिरिडीह, मधुपुर जाना पड़ता है। जो उनके लिए महंगा साबित होता है। ग्रामीणों ने श्रम मंत्री राज पलिवार से स्वास्थ्य उपकेंद्र में स्थाई रूप से चिकित्सक को पदस्थापित करने की मांग की है।